Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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सोलहवां प्रयोग पद - समुच्चय जीवों में विभाग से प्रयोग प्ररूपणा
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कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगी य ९, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य १०, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगी य ११, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य १२, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगी य १३, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य १४, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगी य १५, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्योगिणो य १६ एवं एए चउसंजोएणं सोलस भंगा भवंति, सव्वेवि य णं संपिंडिया असीइं भंगा भवंति।
वाणमंतर जोइसवेमाणिया जहा असुरकुमारा॥४६४॥
भावार्थ - १. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी और एक कार्मण शरीर काय-प्रयोगी होता है, २. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक मिश्र शरीर कायप्रयोगी और अनेक कार्मण शरीर काय-प्रयोगी होते हैं ३. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर कायप्रयोगी, एक आहारक शरीर काय-प्रयोगी, अनेक आहारक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी और एक कार्मण शरीर काय-प्रयोगी होता है ४. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक शरीर काय-प्रयोगी, अनेक आहारक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और अनेक कार्मण शरीर काय-प्रयोगी होते हैं .. ५. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी, अनेक आहारक शरीर काय-प्रयोगी, एक आहारक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी और एक कार्मण शरीर काय-प्रयोगी होता है ६. अथवा एक औदारिक मिश्र
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