Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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पन्द्रहवां इन्द्रिय पद-द्वितीय उद्देशक - ग्यारहवां द्रव्येन्द्रिय द्वार
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कितनी हैं ? ऐसी पृच्छा का उत्तर है-इनकी बद्ध द्रव्येन्द्रिय एक मात्र स्पर्शनेन्द्रिय कही गई है। तेजस्कायिक और वायुकायिक की अतीत और बद्ध द्रव्येन्द्रियों के विषय में भी इसी प्रकार पूर्ववत् कहना चाहिए। विशेषता यह है कि इनकी पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियाँ नौ या दस होती हैं। बेइन्द्रियों की अतीत
और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों के विषय में भी इसी प्रकार पूर्ववत् कहना चाहिए। विशेषता यह कि इनकी बद्ध द्रव्येन्द्रियों की पृच्छा होने पर दो द्रव्येन्द्रियाँ कहनी चाहिये। इसी प्रकार तेइन्द्रिय की अतीत और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों के विषय में समझना चाहिए। विशेषता यह कि इनकी बद्ध द्रव्येन्द्रियाँ चार होती हैं। इसी प्रकार चउरिन्द्रिय की अतीत और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों के विषय में भी जानना चाहिए। विशेषता यह कि इसकी बद्ध द्रव्येन्द्रियाँ छह होती हैं।
पंचिंदिय तिरिक्खजोणिय-मणूस-वाणमंतर-जोइसिय सोहम्मीसाणग देवस्स जहा असुरकुमारस्स, णवरं मणूसस्स पुरेक्खडा कस्सइ अस्थि कस्सइ णत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा णव वा संखिज्जा वा असंखिज्जा वा अणंता वा।
भावार्थ - पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक, मनुष्य, वाणव्यंतर, ज्योतिषी और सौधर्म, ईशान देव की अतीत, बद्ध और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों के विषय में जिस प्रकार असुरकुमार के विषय में कहा है, उसी प्रकार समझना चाहिए। विशेषता यह है कि पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियाँ किसी मनुष्य के होती हैं, किसी के नहीं होती। जिसके पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियाँ होती हैं, उसके आठ, नौ, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त होती हैं।
सणंकुमार माहिंद बंभ लंतग सुक्क सहस्सार आणय पाणय आरण अच्चुय गेवेज्जग देवस्स य जहा णेरइयस्स।
भावार्थ - सनत्कुमार, माहेन्द्र,ब्रह्मलोक, लान्तक, शुक्र, सहस्रार, आनत, प्राणत, आरण, अच्युत और ग्रैवेयक देव की अतीत, बद्ध और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों के विषय में नैरयिक के समान जानना चाहिए।
एगमेगस्स णं भंते! विजय वेजयंत जयंत अपराजिय देवस्स केवइया दव्विंदिया अतीता?
गोयमा! अणंता।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! एक-एक विजय, वैजयन्त, जयन्त और अपराजित देव की अतीत द्रव्येन्द्रियाँ कितनी हैं ?
उत्तर - हे गौतम! अनन्त हैं। केवइया बद्धेल्लगा?
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