Book Title: Comprehensive Critical Dictionary of Prakrit Languages Volum 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
www.kobatirth.org
अच्छरसातंडुल
131
अच्छरि 1.46; अच्छरसा जइ एवं तिलुत्तमा णिम्मिया सुरगणेहि Dhutt. 3.36; Js. चमरा DhamPar. 6.3.11; छण्णवइ सहस अंतेउरराणी(? णि) तसु हूवई दिव्ब भगे अच्छरसाओ अवसस्स सम्गवासं च । पजहंतस्स BhaAri. 1600; णिज्जियअच्छराणी(णि) CandappaC..(Y.) 4.17.9; अच्छरकोडाकोडीहि
M. जीविअ-पत्तच्छरसं सिर-परिअरि अ-जसं । विअंभइ समरं StuBh. 13. 47. जुत्तु (णियलच्छि रिद्धि) CaudaptraCa(Y.) 7.17.4. ___ अच्छरसातंहुल ( accharasa-tandula <accharasa-tan- अच्छरा (acchara = capputika) I. Desi. [of. अक्षर a measure dula) . [ 10 अच्छरसातदुल] exerellent white rice, AMg. of time equal to one titth of Kasthi, AITE ] supping of fingers, अच्छेहि सण्हे हि स्ययामपहि अच्छरसातंदुलेहि अट्ठट्ठमंगळे आलिहइ RiyPa. AMg. से एगाइओ समणं वा माहणं वा दिस्सा ... अदुवा णं अच्छराए 291; Jivabhi. 3.457% Jambuddi. 3.12; 5.58.
अप्फालेत्ता भवति Siy. 2.2.31(710) (Cu. अच्छरा णाम चप्पुटिका); __अच्छरा (acchara <apsaras) f. one of the ehief qurens ef. अच्छराणिवाय. of Sakin, AM स्करस देविदस्स चउण्डमग्गमहिलाण चत्तारि रायहाणीओ अच्छराकाम्अ (acchari-kamua<apsarah-kamuka) adj. पत्ताओ, तंह -ता भृतवसा गोथूभा सुदंरुणा ... अमलाए, अच्छराए a lover of the heavenly damsol, S. (देवी) एत्थ इभिणा एब्व उवाअणेण गमिताए रोहिणो Thin 4.247 (307) (eomm, राजधान्य मेण अच्छराकामु पेक्खामि Vikramo.2.19.29. कृष्णादीनद्रानां क्रमेण p. 22814); सकस्स क देविदस्स अट्ठग्ग-हि- अच्छगकोडो (acchara-kodi<apsarah-koti) I. erow (8) सीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - पउमा ... अंजू अमला अच्छ। ... रोहिणी of heavily damsels, AM. कहि णं ताओ अणेगाओ अच्छराकोडीओ। Ty. 27(61:2); सकस्स ... देविदरस देवर पणो ... अट्ठ अग्गम हिसीओ अज्ज हणामि Viy.3.2.28 (3.112); f. अच्छरकोडि. पण्णत ओ, जहा - पउमा ... अमला अच्छा Viy. ७.....1 (1092) अच्छराणिवाय (acchara-nivāyas capputika-nipāta) m.
अच्छरा (acchara<apsaras) I. [Hem.(Gr.) 1.20; 221; [also अच्छरा निवाय] snapping of fingers (as a measur of tims), Mark.(Gr.) 15. 19; 4. 19; Laksmi.(Gr.) 1.1.34] I heavenly AMg. केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहि अछरा निवाहि तिसत्तखुत्तो अणुपरिdaniel, a nymph (also their clars), AMgg. असुरकुमारा देवा ... ताहि यट्टित्ताणं हब्वमागच्छेज्जा Viy.6.5.5 (6.75); 6.10.1 (6.173); Jivibhi. अच्छराहि सद्धि दिव्वाई भोगभोगाइ मुंजमाणा विहरित्तए ? ... अह ताओ 3.86%; Pammav. 36.61 (22169); Uvav. 1:36. अच्छराओ नी आढायति नो परियागत Viy. 3.2.13 (3.93); तं च पुण अच्छरालावण्ण (acchara-lāvanna<apsaro-livanya) .. निसर्गात सुरगणा सअच्छरा मोहमोहियमती Panthi. 4.3; तत्थ गंजे ने beauty of a heavenly damsel, S. (राजा) वअस्स ... तदो अ... कायपरियारगा देवा तसि णं इच्छामण समुप्पज्जइ इच्छामो गं अच्छ। हिं सद्धिं अच्छरालावषणदसणेण मुणिगणाणं माणस विक्खोहं ... करेंती Viidni. कायपयारण करे। प. Puunav. 4. 19 (:05212)); तए हि देव हि एवं 1.17.7. मणीय.ए. समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छाओ ओरालाई सिंग राई ... रूवाई अच्छरि (acchari<apsaras) I. a heavenly damse-l, rymph, विउब्बति I amav. 34. 20 (2052 [2]); 34.24 (2052 [2]); देवत्तणम्मि Ai. कि देवि का वि गंधब्वि एह कि अच्छरि वर लावण्णदेह SugDaska. बहुमो रणंतरसणाओ गुरुनियंबाओ। मुक्काओ अच्छराओ, मा रज्जसु 2.2.21. असुइनानीसु Aural nee. 1.6; भवणवइ-वाणमंतर-जोइस-वैमाणियाह मिद-सईद- अच्छरिअ (accharia<ascarya) n. [ also अच्छरिय] [Hom. अच्छरा-रू किन्नर .. | जगस्स विज्जाहरस्स तग्गयमणस्स ण दंरुणा (Gr.) 1.73; 1.583; 2.6072.67%3 Vura. (ir.) 11.30; FiLaNa. 451] चेव ... उप्पाइयमहंतमाणसचमक्कारे MahaNis.3.11.8%
BJM. ॐ अच्छरा मह wonder, astonishment, AMg. एवं गुणगणसक्कस्स कुणइसको वि किमिह सही, थरे निविट्ठ कलहसील अरे Kumat.CH.) 4. 13; अब्दो दुहा वि अच्छरियं VITha. 365 JM. किं तुमए ... तत्थ ... अच्छरिय दिटुं Sumarika. लाहो रणंगणे सूरवीरपुरिसाण । जइ मरइ अच्छराओ, अह जीवइ तो सिरी 68.1; इय जं तत्थ ण दोसइ तं णत्थि जयम्मि किचि अच्छरिय KuvMiKit. लाइ KuvMiK..51.19; अच्छति अच्छराओ समच्छराउ व्व छन्नाओ 8.15; अच्छेरनिरीहाण वि अच्छरिअं किंब न करेइ Kumia II.) 1.41; Kumari.365 30%; रम्मविमाण विभवं गीयं वजं च अच्छर नट्टे 3.24; अन्नं च तम्मि देसे गुणाण भवणम्मि एयमच्छरियं Sursuch. 1.53; NaPuTKI. 1.365%; आगया वरच्छर ब्व सब्वंग-भूसण-धरा Erz. 64 263 कह न कुणइ अच्छरिअं पसन्नचंदस्स सच्चरियं VivMali. 463 AL. णिच्चं धण-दार
अण-णिव अभिण्ण-घण-भरि-अच्छरेहि StuBa. 7.45; अत्यमिआई रहस्स-रखखणे संकिणो वि अच्छरिअं GaudVis. K63 लीलावइ भणिर्थ अजे महिहराण समच्छरेहि परिमलिआइ वणगएहि समच्छरेहिं SetuBi. 7.62%; एयं म्ह अच्छरिथं Lila. 776 (मनोरमा, अच्छरियं ते वि जियंति ते वि पहसंति णितच्छरो वि रामाणुलंधिओ निविसो वि विसमइओ समुद्द! Lila. 16; ते वि कीलंति MalliMak. 3.18; S. (उर्वशी) अहवा चंदादो अमिअंति महणत्तिपणाहिँ व अच्छराहिँ परिवालिया लच्छी Lila.762 थुब्बतो गंधव्वच्छ- किमेत्थ अच्छरिअं Vikramo. 1.9: (राजा) कहि पि विसए अच्छरियं दद्रं राहिं रिद्धंगणाहि गितो Lila. 1269: दीहाउणो का उण अच्छरा अSri- इच्छामि KapMafi. 1.24.3; (पारिपाचक) कि वि( ? पि) अच्छरिअं सुणादु Kav. ५.71%; (सूत्रधार) रूवेण जा अच्छरा kam Mafi. 1.20; S. (अनसूया) भावो Candle. 1.5.3; Aph. पेक्खेवि उववणे अवयरिउ जाउ महंतउ देवे मेणआ णाम अच्छरा पेसिदा णिअमविग्यकारिणी sik. 11. 12(1); अच्छरित PuumCuts.) 3.0.13; पण जणजणियच्छरिउ Bhavika. b.113 (दुर्मुख) परोप्परदिण्णहत्थआलं च पहसिआओ अच्छराओ BAIRām. 5.10; 103.1; 260.10; भडु सुंदर अवरुवि अच्छरिउ NiyCa(P.) 6.7.4; 88.63; Apa. तोसियामरच्छराई उत्थरंति साहणाई RitNeCh... 6.4; बेणि तं अच्छरिउ नियवि सुविहोयहिं उट्ठिउ कोलाहलु किउ लोयहि Jiumbisita. वि अच्छरच्छिविच्छोहणियच्छियबद्धमच्छरा MahaPu.(P.) 5223.1; सुअ 3.6.11; जं दिट्ठउ कि पि मणोहरउ अच्छरिउ वणम्मि भमंतण्ण KurCu. अभयमहाएवी सउण्ण णं अच्छर णावइ णायकपण सा जोव्वणरूढ णिएवि ताउ 4.3.11; अच्छरिउ महंतउ एउ पुणु जुत्तु विवज्जइ जंगुणि वि DhamPar. .JasCa. 1.25. 10; अम्हई अच्छराउ तुहुँ सुरवइ सउहयलं विमाणयं । किं 3.6. 10; जं किउ रिउवहुमुहु कसणभाउ तं निएवि ण कहाँ अच्छरिउ जाउ सुग्गसिरे कुडिलं विसाणयं JasCa. 4.3.1; चलिउ जयलच्छीदिण्णसोहु पेक्खे- VaddhaCs. 15.10; जिणबिंबु... अइरवण्णु अच्छरियजणेरउ Chakkammu. पिणु मणि अच्छरहु खोहु NayCa.(P.) 1.9.9; पच्छए तासु महिसि णं अच्छर 5.2.6; अच्छरियहेउ पयडियगुणेहि CandappaCa.(Y.) 9.5.7. विन्भम नाम JanbiSaCH. 10. 15.35 मीणइ सइ पउलोमी अच्छर सब्व अच्छरिअं (acchariam<ascaryam) intj. oh! wonder | वि तुह विभवे जिम्मच्छर SudCa.(N.) 7. 9. 7. अच्छराउ किर सुरणरमोहहिं [also अच्छरीअं, अच्छरिय] JM. भो भो पिच्छ पिच्छ अच्छरियं ईईसा SudCa.(N.) 8.21.2; मुंजेवि भोग सहुँ अच्छराहिं PaumCa.(S.) 2.21; स्वपसंया होऊण केरिसं भवत्थं पत्तो JinadaAkhya. II. 61.33; S. (तापसी) सबल वि तिय णं मणहर अच्छर DhamPar. 1.11.4; अच्छरकरचलियसिय- अच्छरीअं! अच्छरीअं Sak. 94.24(7); (नटी) अच्छरिअं अच्छरिअं जं.
For Private and Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430