Book Title: Comprehensive Critical Dictionary of Prakrit Languages Volum 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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अणंत
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अर्णतक
साहू खवंति कम्म अणेगभवसंचिअमणतं OghNI. 329; JM. परमपुरिसो अरहओ चउप्पण्णं गणा चउप्पण्णं गणहरा होत्था Samar. 5:4; चउवीसं अणाई बिहू अणंतो भणंग-निदुहणो। चउराणणो तमहरो सिरी-निवासो जिणो तित्थगरा होत्था, तं जहा- उसमे अजिते ... विमले मणते Samavpra. 2223 जयइ MuSuvran. 15 Js. अश्सयमादसमुत्थं विसयातीर अणोवममणतं Viy. 20.8.7 (20.67); विमलमणंत य धम्म संति कुंथु Nandi. ga. 19; PAVSA. 13; अव्वाबाहमणतं अणोवर्म लहइ णिव्वाणं MokPi. 3 Apa. सो से कित पुब्वाणुपुब्बी उसभे अजिए ... विमले अणते धम्मे Anu0. 2033 जिणु ईसउ बंभु सो, सो अणंतु सो सिद्ध YogSA. 105; ण जो मोहमंतो ण अणंतस्स णं अरहओ जाव ... सत्त सागरोवमाई विश्कताई Kapy. (J.) जम्मोहवंतो। णमामो अर्णतं रईमोयणं तं MahaPu.(P.) 47.1.15; अरहंतु 191; विमलमणतं च जिणं वदामि iv. 2.3; JM. विमलं तहा अणतं महंतु अणंतु संतु MahaPu.(P.) 1. 18.7; जो परि(? रु) को वि अणंतु ... से धम्म ... सव्वे सिरसा नमंसामि PaumCs.(v.) 1.4; विमलोऽणतो सिद्धदेउ Palko. 54; 5 infinite as a number, Ag. पोग्गला अणंता य धम्मो य Paum Ca.(V.) 20.5; Apa. पंचासधणुह जिणवा अणंतु पण्णत्ता Thana. 1.254(48): दुपएसिया खंधा अर्णता पण्णत्ता ThanR. AkkhaMsKo. 112.27%; जय सामि अणंत अणंतमुह PanmCa.ts.) 2.461-465(126): दब्बओ णं जीवस्थिकाए अगंताई दब्वाई Thane.5.173 25.8.8%; जय जय हि अगंताणतणाण JasCh. 1.2.73; परमेसरु विमलु अर्णतु (44113; संखज्जा अक्खरा अता गमा अर्णता पज्जवा परित्ता तसा अर्णता धम्मु PANaCa.(P.) 17.10.73 विमलु अर्णतो धम्मो संती Suda.(N.) Samar Pri. 89; जीवे गं अगंताणं भाभिणियोहियनाणं पन्जवाण... उवओगं 1.12.63 जय विमल जय वरयम्बरयर अणत संत । जय धम्म ViddhaCa. गच्छद Vis.2.10.9 (2137): जीवव्वा णं भंते ! कि संखेज्जा असंखेज्जा 1.1.9; name of the 23rd Jina of the following Utsarpini, नित्थरे
आगंता Viy. 25.2.3 (5. 15); थावरकाये ... अगंते हणंति ... जीवे ... आगमिसे... अणंत विजए ति च Tittho. 1118. विहि हि कारणेहिं Paphi. 1. 143; अशंता केवली जिणा । जरामरणविष्पमुका अणंत (an-anta<an-anta) m. I the nigan chiet (also Uvar. 17811); अगंतू समुग्धायं, अणंता कवली जिणा Pannav. 36.83 called Sesa), M. विअडं फण-पन्भारं गाढभरुत्ताणिअं णिमेइ अणतो (2170); जत्थ व एगो सिद्धो, तत्थ अणंता भवक्खयमुक्का Pannav. 2.67 [10] SetuBs. 9.89; मूलफणामंडलतहणिसण्णणिकंपधरिअमहिवेढं। सहइ ट्ठिअं... (111; जीवपज्जवा...नो संखेज्जा नो असंखेजा अर्णता Panav. 5.2 (439); अणंतस्स Gaudva. 823; 2 name of Visnu, M. (सूत्रधार) अणंतअणंतेहि वण्णपज्जवेहि अणंतेहिं गंधपज्जवेहिं अर्णतेहि रसपज्जवे हि अणंतेहिं मुहदेवआमहिदखीरसिंधुत्थली ... लीलाहरा Anasuh. 1.11. 30me of फासपज्जवेहिं Jambuildi. 2.51; ओहिनाणी जहण्णेणं अणंताई रुविदवाई various persons, (i) of Laksmans, Apa.ता सिराउहेण उवभार्मिओ जाणइ पासइ Nauki. as: अग्नेहि पुग्गलेहिं Nandi. 58: इच्छेइयम्मि दुवा- अणतो MataPu.(P.) 74.3.1; जसु भाइ अणंतु अणंतधामु MalhaPu.(P.) लसंगे गणिपिटगे अणंता भावा, अणता अभावा, अणंता हेऊ, अणंता अहेऊ, 77.1.9; (ii) of a man also enlled Triprstha, Apa. पुणु भणिउ अणंता कारणा, अर्णता अकारणा Nindi. 1243 नेगमववहाराणं आणुपुग्विदव्वाई अणंतु पेक्खहुँ सिय उण्णावहि MahaPu.(P.) 51.11.12%3 (iii) of किं संखेजाई ? असंखेजाई? अणंताई Anuog. 123; अणंताणि च दब्वाणि another person, Apt. पेच्छिवि जिणु अगंतु वणवाले Msha Pa (P.) Utt. 28.83; JM. एवमणतं पि तिहा SadST.(D.) 4. 38 ; तह वि अणंतो अत्थो 49.3.2; (iv) of a person (= Anantapāla), Apa. बहुनइवंतही कीरइ एसो कहाबंधो KuvME.KA. 4.4; भमिओ भवो अणतो तह आणा विर- वयणि अणंतहो चंगउ क्यणु परिप्फुरिउ Bhavika. 123.163 निग्गउ चित्तंगु हिए.हिं जीवे&ि RaDeSta. 3;Js. ओघेण मिच्छाइट्ठी दब्बप्पमाणेण केव- अगंतु लेवि Bhavika. 229.3; (v) of an army chief, Apa. पहुत्तो डिया? अगंता Satig.1.2.23; अणंताणि दव्वजादीणि Pavsa. 2.49(141); अणंतो पुलिंदेण जित्तो SudCs.(N.) 10.5.6. अगुरुलबुगेहि सया मेहि अणंतेहि परिणदं णिचं Palicatthi. 84; 31; संखेज्जा- अणंतह (ananta-i<ananta-jit) m. the 14th Tirthankara संखेजाणतपदेसा हवंति सुत्तस्स NiySa. 353 णामलोग वियाणाहि अणंतजिण- called Anautin in the present Avasarpini of Bharats Ketra, देसिदं Milh.544(7)BM. हा जीविएस हा सुयणु हा अणंत-गुण-भूमि हा AMB. अणंतइस्स णं अरहतो चउप्पण्णंगणा... होत्था Smav.54 (MV.); दश्य LIK. 708; Apa. हम्मइ एक्कु अणतेहि जोहहिं । तो वि पवर सिउ इमीसे ओसप्पिणिए कति तित्थयरा पाणत्ता ? गोयमा! चउवीसं तित्थयरा सरधारोहहिं RitNeCs. 3.9.5; परचणु पुणु अणंतु जं दीसइ अक्खयनिहि पण्णत्ता, तं जहा - उसभ-अजिय ... विमल-अगंतइ-धम्म ... वद्धमाणा Viy. तं महु करे निवसइ JambiSaCn. 3. 14. 19; थावर ते महिजलयरिंगमारुम 20.8.7 (20.67); विमलमणतइ धम्म संति Nandi. gi. 19; से कि तं वणफई अगंता SudCa(N.) 6.5.12.
पुवाणुपुव्वी उसमे अजिए ... अणंतई Apnog. 203[2]: छावद्विसहस्साई अर्णत (ananta) Desi. n. s kind of ornament, JI. पवक्खामि सीसाणं आसि गंतइ जिणस्स 'Pittho. 4855 JM. विमलजिणा उप्पण्णो भूसणाणमतो परं ... हत्थ (स्स) खडग व त्ति अणंतं खुड़गं ति वा Aingvi. नवहि अयरेहिणतइजिणो वि ViArBha. p. 314 1. 27 (LDL.); विमल66.3.
मणंतह धम्मो। संती AvNi. 371; अर्णतइ ... य तित्थयरो PaumCs.(V.) अणंत (an-anta <an-anta) m. [short for ananta-kayika] 5.148: विमल तित्थयराओ सागरोवमे हिणवहिं समदतेहिं अगंतइजिणो plant eontaining infinite lives (germinsting parts), AMg. समुष्पन्नो तित्थयरो CaupCs. 129.1; अर्णतइतित्थयरकाले पुरिसोत्तिभो अद्धचतिविहो वणस्सई खलु परित्तऽणतो थिरा थिरेकेको OghaNi. 41; जत्थ उ वकबट्टी समुप्पण्णो CaupCa.131.1; सिरिदप्पो कुमारो... अर्णतइस्स अरहतो सचित्तमीसे चउभंगो तत्थ चउसुवि अगिज्झं। णं तु अणंतर इयरं परित्तऽणतं अंतिए पब्वइतो VasuHi. 261. 26. च वणकाए PindNi. 5453 531.
अणतंस (anantamsa<anantāmsa) adj. infinitth part अणंत (an-anta<an-anta) m.n. a synonym or akasa (of the total number), JM. इकिकहिमा सिद्धा-णतंसा अंतरेसु अग्गहणा। (sky), AMg. आगासत्थिकायस्स णं भंते ... अणेगा अभिवयणा षण्णत्ता, सब्वत्थ जहन्नुचिआ निभणतं साहिआ जिट्ठा Sayaya 773; SI; सिद्धतं जहा-आगासे हवा, फलिहे इ वा अणने इ वा Viy. 20.2.6 (20. 16) अणंतसेणं अहव अभब्वेहऽणंतगुणिएहि । जुत्ता जहण्णजोगा, उरलाइणं भवे
अणंत (an-anta<an-anta) m. name of the fourteenth जेट्ठा PatSain.(C.) p. 115gd. 179 अणुसमयमसंखगुणं दलियमणतंसओ Tirthaikara, AMg. दिसोदिसं ऽणतजिणेण ताइणा महन्वया खेमपदा पवे- उ अणुभागो PaiSari. p. 203 g1. 78; 79. दिता Apsr. 2.16.8(798); जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे ओसप्पिणीए तेवीसं अणंतक (anantaka) Desi. n. [also अणंतग ] a finger ring, तित्थकरा पुवभवे एकारसंगिणो होत्था, तं जहा- अजिए संभवे ... विमले AMg. अंगयाई केयूराई दसमुद्दियार्णतकं कुंडलाई Jambuddi. 3.2013 अणते Samav. 28.33 23. 4; चउवीसं देवादिदेवा पण्णत्ता, सं जहा- दसमुदियाणंतकं कुंडलाई चूडामणि चित्तरयणसंकटं मउढ पिणिद्वेइ Jivabbi. उसमे मजिते संभवे ... विमले अणंते Samay. 24.1; अणंतस्स णं 3.451; तए णं से मूरियाभे देवे ... कटिमुत्तर्ग दसमुदाणतर्ग ... मउडं पिणिद्वेइ
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