________________ है। आज का मनोविज्ञान कहता है कि कोई बुरी बात सोचता है तो उसके अल्सर हो जाता है। ईर्ष्या, घृणा आदि से अनेक बीमारियां होती हैं। कैंसर भी हो जाता है। जो मानसिक बीमारियां हैं, उनका सम्बन्ध हमारे स्नायु-संस्थान से है। वे पैदा हो जाती हैं। उनका सम्बन्ध हमारी मानसिक क्रिया से है। कोई व्यवस्थापक नहीं है, व्यवस्था करने वाला नहीं है। जैसे ही एक हुआ, दूसरा हो जायेगा। दोनों का सम्बन्ध है। फल देने के लिए किसी नियंता की आवश्यकता नहीं। उसमें अपने आप में क्षमता है। हम उस क्षमता को समझें। हम आसक्ति के द्वारा, राग-द्वेष के द्वारा, कषायों के द्वारा उन कर्म-परमाणुओं में ऐसी संरचना न होने दें, ऐसी फलशक्ति उत्पन्न न होने दें जिसका परिणाम बुरा हो, जो हमें भी भोगना पड़े। 52 कर्मवाद