________________ प्रश्न होता है कि यह रासायनिक परिवर्तन क्यों होता है? 'जीन' का परिवर्तन क्यों होता है? सब में नहीं होता, केवल पांच प्रतिशत में ही क्यों होता है? इसके कारण को समझे बिना गुत्थी सुलझती नहीं। कारण के सही ज्ञान के बिना निर्णय भी सही नहीं होता। ___दो युवक नौका से यात्रा कर रहे थे। दोनों बारी-बारी से उसे खे रहे थे। तूफान आया। नाव डगमगाने लगी। नाव डूबने लगी। एक बोला-नौका डूब रही है। अब क्या करें? दूसरा बोला-डूबे तो डूबने दो। चिन्ता क्यों करते हो? नाव अपनी नहीं है, किराये की है। डूब जाएगी तो डूब जाएगी। सही स्थिति का अंकन नहीं होता है तब समस्या उलझ जाती है। नाव किराये की थी, पर वे दोनों तो किराये के नहीं थे। नाव डूबेगी तो क्या वे बच पाएंगे? जब तक कारण का सही अंकन नहीं होता, तब तक कार्य भी सही नहीं हो सकता। एक ही वंश में दो व्यक्ति साथ जन्म लेते हैं, एक ही वातावरण में दो व्यक्ति रहते हैं; दो व्यक्तियों को समान पर्यावरण मिलता है। फिर भी दो व्यक्तियों का व्यक्तित्व दो प्रकार का हो जाता है। दो भाई साथ में जन्में, एक में 'जीन' का परिवर्तन हो गया, दूसरे में नहीं हुआ। ऐसा क्यों होता है? इन सभी प्रश्नों के सन्दर्भ में जब हम चिन्तन करते हैं, तब लगता है कि यह सारा अभिनय इस रंगमंच पर हो रहा है, पर पर्दे के पीछे एक और भी है जो अभिनय कर रहा है। वह सामने नहीं है। पर्दे के पीछे है। वहां तक पहुंचे बिना न तो समस्या का समाधान होगा और न ध्यान का प्रयोजन ही समझ में आएगा। यदि हमें वहां, पर्दे के पीछे नहीं पहुंचना है तो ध्यान की कोई आवश्यकता नहीं है। वातावरण और पर्यावरण को ध्यान के बिना भी बदला जा सकता है। रासायनिक परिवर्तन भी औषधियों तथा अन्यान्य साधनों से, एक सीमा तक किया जा सकता है। इलेक्ट्रोड से विद्युत् तरंगों को बदलकर रासायनिक परिवर्तन किया जा सकता है। ये सब परिवर्तन हो सकते हैं। किन्तु वातावरण आदि को जो उत्प्रेरित कर रहा है, उस कारण तक नहीं पहुंचा 204 कर्मवाद