Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 02 Fasc 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंडयपणिय 369 अण्ण अंडयदुर्ग ति VijKevCa. 3.74. देसं साहरंति Thana. 3. 359(182); अट्ठारसबिहे बंभे पण्णत्ते, तं जहाअंडयपणिय (anda-ya-paniya <anda-ka-panya) ... ओरालिए कामभोगे णेव सयं मणेणं सेयर, नोवि अण्णं मणेणं सेवाएइ, मणेणं trade in eggs, AMg. बहवे पुरिसा ... रायमग्गे अंतरावणंसि अंडयपणिएणं सेवंतं पि अण्णं न समणुजाणाइ Samav. 18.1; एए अण्णे य एवमादित्य वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति Viva. 66. वित्थरेणं अत्था समातिज्जति SamavPra. 92; सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे अंडयमाण (andaya-māna <andaka-mana) adj. of the अण्णेसु य बहुसु बंभण्णएसु परिब्वायएसु य नयेसु सुपरिनिट्ठिए Viy. 2.1.12 size of an egg, JM. कुक्कुडि-अंडयमाणा कवला बत्तीस साहुआहारे Pav- (2.24); एगपएसोगाढे ... पोग्गले सेए तम्मि वा ठाणे वा, अण्णम्मि वा ठाणे Saro. 814. __ कालओ केवचिरं होइ ? Viy. 5.170 [Ldn.]; अण्णम्मि समए वेदेति, अंडयमेत्त (andaya-metta<andaka-matra) adj. only of अण्णम्मि समए निजरेति ।... अण्णे से निज्जरासमए Viy. 7.89 [Lan.]; the size of an egg, JM. एत्तो भिक्खामाणं एगा दत्ती विचित्तरूवा वि। मिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स अण्णे जीवे, अण्णे जीवाया viy. 17. 30. कुक्कुडि-अंडयमेत्तं कवलस्स वि होइ विण्णेयं ParicaPra. 19, 21. [Ldn]; मा मे से मंगले सुमिणे अण्णेहि पावसुभिणेहि पडिहम्मिहि Naya. अंडयरस (andaya-rasa <andaka-rasa) m. yolk of the 1.1.21; अम्हे के अण्णे आहारे वा आलंबे वा ? Naya. 1.8.13; अण्णे य egg, Apa. महुमक्खियअंडयरसु हवेश तह मिच्छु चिट्ठउ जणु चवेइ Dham- से बहवे पुरिसा ... विहरंति Uvas. 7.7 [Ldn.]; से गं तत्थ दसण्हं Par. 10.17.1. दसाराणं ... अण्णेसिं च बहूर्ण ... आहेवचं कारेमाणे ... विहरर Antag. अंडर (andara) m. a special unit of Badara Nigoda (Bidara 1.14 [Ldn.]; तं पि य जं अण्णे बहवे समण-माहण-वणीमगा नावखंति Nigoda contains innumerable andaras, aodsas and pularis), Js. Anuttaro, 3.29 [Ldn.]; अण्णेहि य एवमाइपहिं बहू हि कारणसतेहिं अबहा खंधा असंखलोगा अंडरआवासपुलविदेहावि। हेट्ठिलजोणिगाओ असंखलोगेण इह हिसंति Papha. 1.12 बहवे अण्णे पुरिसा भगवओ पवित्तिवाउया पवित्ति गुणियकमा GomSa.(J.) 194. णिवेदेति Uvav. 173; अत्थि णं के इ अण्णे समणे वा माहणे वा जे एरिसं अंडवाणिय (anda-vaniya<anda-vanija) m. [ also अंडय- धम्म आइक्खित्तए Uvav. 79; से णं कुंभिके मुत्तादामे अण्णेहि चउहिं वाणिय, अंडवाणियय ] a dealer in eggs, AMg. तत्थ णं पुरिमताले निन्नए कुंभिक्केहि सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते RAyPa. 40; अण्णो जीवो अण्णं सरीरं नामं अंडयवाणियए होत्था Viva. 65% निन्नयस्स अंडवाणियस्स बहवे पुरिसा RayPa. 748; अण्णे अपुब्बे वाण्णगुणे गंधगुणे ... उप्पाइत्ता Jivabhi. 1.50%; Viva. 66; से निन्नए अंडवाणियप, एयकम्मे सुबहुं पावकम्मं समज्जिणित्ता से कितं मच्छा ? एवं जहा पण्णवणाए जाव जे यावण्णे तहप्पगारा Jivabhi. Vivå. 67. 1.100; अण्णे च बहवे पुढविसिलापट्टगा पण्णत्ता JIvabhi. 3. 2973; (खरअंडसुहम (anda-suhuma <anda-suksma) m. a small बादरपुढविकाइया) जलते सूरवते य । जे यावऽण्णे तहप्पगारा ते समासतो egg, AMg. अटु सुहुमा पण्णत्ता, तं जहा ... अंडसुटुमे लेणसुहुमे Thana. दुविहा Pannav. 1. 20(26); अण्णेसि च बहूर्ण देवाण य देवीण य आहेवचं 8.35(616); 10.24(716); कयराई अट्ठ सुडुमाई ?... अंडसुहुमं च अट्ठमं ... भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ Jambuddi. 1. 45. अण्णे इत्थ बहवे ... Dasave. 8.15; वासावासं पज्जोसवियाणं ... इमाई अट्ठसुहुमाई ... पडिलेहि- दुमगणा सुहसीयलच्छाया Jambuddi. 2. 20; तत्थेगे एवमाहंसु-ता अणुअब्वाइं .... अंड-सुहुमं सिणेह-सुहुमं Kapp.(S.) 44; अंड-सुहुमे पंचविहे पण्णत्ते समयमेव सूरियस्स ओया अण्णा वेअति SuraP. 6.1; अण्णे चयंति अण्णे Kapp.(S.) 45. उववज्जंति SuraP. 10.1. अण्णे (उदगबिंदू) पक्खित्ते से वि णटे Nandi. अंडाउय (andauya <andayuska) adj. having the life of 58(1); जे अण्णे भगवंते...ते पणमिऊण सिरसा Nandi. gd. 43: हवंति कणो an egg, JM. अंडाउय-पोयाउय-जराउया गब्भजा इमे भणिया PaumCa. पण्णा, जे अण्णे सत्यपारगा Anuog.ga. 34; अण्णम्मि काले उवरिले तंतू (V.) 102. 97. छिज्जइ, अण्णम्मि काले हेहिले तंतू छिज्जति Anuog. 366; रायगिहस्स णयरस्स अंबद्धग (andu-baddha-ga <andu-baddha-ka) adj. अण्णेसि च बहूर्ण गामागर ... संनिवेसाणं आहेवच्चं ... कारेमाणे AyarDas. bound by a ehain, AMg. से जे इमे गामागरणयर ... सण्णिवेसेसु मणुया 10.18; ते णं तत्थ अण्णेति देवाणं देवीओ अभिजुजिय अभिमुंजिय परियारेति भवंति, तं जहा - अंडुबद्धगा णिअलबद्धगा Uvav. 70. AyārDasi. 10. 289 से वि य णं दारए ... सिक्खाकप्पे वागरणे ... अण्णेसु अंडय (andu-ya <andu-ka) m. a kind of ornament, a य बहुसु ... सुपरिनिहिए यावि भविस्स Kapp.(J.) 103; से य आहच उवाइshain, JM. नेउर-अंडुय-संकलन्दुब्वहउब्वहणखलिय-गश्मग्गा KaKoPra. णावेत्तए सिया- तं नो अप्पणा भुंजेज्जा नो अण्णेसि अणुप्पदेज्जा BrhKanp. 22.5. 4.12; कप्पर से एगराइयाए पडिमाए जण्णं-जण्णं दिसं अण्णे साहम्मिया अंडोला- (andola-<andolaya-). to swing, to be un- विहरंति तण-तणं दिसं उवलित्तए Vava. 1. 22; JM. सा ससमयपण्णवणा Hettled, JM. अंडोलाइ व हिययं दिवा नूणं मुणीणं पि JambuCa.(G.) तित्थयरासायणा अण्णा SanmTa. 1.533; 2.433; 2.50; अण्णेसि पि पंचाण5. 117. उइ-राईणं KalKa. 40. 267 48.12; नूर्ण अण्णो नो पुण्णवं ममाहितो। अण्ण (anna<anya) pron. 1 another, the other, (with Abl.) कस्सऽण्णस्स व एरिसफलदायी होज सुकयतरू MaVICu.(G.) 198.9(1); other than or different from, (with an interrogative pron.) J. सत्तेदा गाहाओ अण्णाओ सभासगाहाओ KasaPa.93 पोग्गलदव्वं सद्दत्तelse; (anna ... anna) the one ... the other, some ... the others, परिणयं तस्स जइगुणो अण्णो SamSa. 374; अण्णं जं परदव्वं सञ्चित्ताचित्त(with ca) moreover, AMg. से ज्जं पुण जाणेज्जा सहसम्मुश्याए परवा- मिस्सं वा SamSa. 20; अह पुण अण्णो कोहो अण्णुवओगप्पगो हवदि चेदा। गरणेणं अण्णेसि वा अंतिए सोच्चा Ayar. I.1.1.4; से सयमेव पुढविसत्यं जह कोहो तह पच्चय-कम्म णोकम्ममवि अण्णं Samsa. 115; पाडुब्भवदि य समारंभइ, अण्णे हि वा पुढविसत्य समारंभावेइ, अपणे वा पुढविसत्थं समारंभंते अण्णो पज्जाओ पज्जओ वयदि अण्णो Pavsa. 2. 11; 2.13 उभयत्थ समणुजाण Ayar. 1.1.2.3; चित्तमंतमचित्तं वा परिगिज्झ किसामवि। अण्णं जीवभावो ण णस्सदि ण जायदे अण्णो Panentthi. 17; जदि हवदि दब्वमाणं वा अणुजाणाइ एवं दुक्खा न मुच्चई Say. 1.1.1.2; सयं तिवायए पाणे गुणदो य गुणा दव्वदो अण्णे Paficatthi. 44; 88; 1193 अण्णं च वलिट्रअदुवाण्णेहि घायए Suy. 1.1.1.3 पंच खंधे वयंतेगे बालाउ खणजोइणो। मुणी पत्तो दुक्खं नियाणदोसेण BhavPs. 46; 162; जह फलिहमणि विसद्धो अण्णो अणण्णो णेवाहुहेउयं च अहेउयं sny. 1. 1. 1. 17; तिविहा परि- परदव्वजुदो हवेश अण्णं सो MokPa. 51; 57; बुद्धं जं बोहंतो अप्पाणं यारणा पण्णत्ता, तं जहा- एगे देवे अण्णे देवे ... एगे देवे णो अण्णे देवे चेझ्याई अण्णं च ।... जाण चेदिहरं BodPa.8; अण्णणिरावेक्खो जो परिThsna. 3.9(130); तत्थ समुट्ठियं उदग-पोग्गलं परिणतं वासितुकामं अण्ण णामो सो सहावपज्जाओ NiySa. 28; अद्धवमसरणमेगत्तमण्णसंसारलोगमसुचित्तं. 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