Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 02 Fasc 01
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अय www.kobatirth.org 408 अन्तेय (atteya < ātreya) m. Atreya (a Jain mouk, who teaches that food should be taken after the digestion of the earlier food), JM जिण्णे भोयणमत्तेओ कविलो पाणिणं दया AvCa. 498.4; दमते मेयज्जे कालगपुच्छा चिलाय अत्तेय । धम्मरु इला तेयलि सामइए अट्ठदाहरणा Viāv Bha. 2799. असो (atto<atas) adv. hence, therefore, for this reason, M. हिअअस्स णिङ्कुरत्तणभिणमो किं संठवेहि महिलाण । अत्तो पयोहराणं वज्जं चिअ वसर एआण GaulVa, 997. अतो गईयाए (attogaiyãe < ātmagatyā) adv. [Inst.] leisurely, JM. संपट्टिको सवलवाहणो राया अत्तोगईया KaKo Pra. 4. 10. अतोरण (a-ttorana <a torana ) . ( penance) without a eover, JŚ. अन्भोवगासठाणादिगा य अथिरा हु दुविह आदाव । अत्तोरणतरुमूलं थिरजोगा होंति णायव्वा CheSath. 55 (comm. अतोरणयोगस्तरमूलयोगों खरौ) अत्तोवणीय (attovaniya < ātmopanita) adj. ppp.) (example) which is against one's view (one of the four fanits of an example in an inference ), AMg आहारणतदोसे चउन्विहे पण्णत्ते, तं जहा - अधम्मजुत्ते, पडिलोमे अत्तोवणीते दुरुवणीते Thapa. 4.3.509 (335) (comm. Abhya. येन ज्ञातेन परमतदूषणायोपात्तेनात्ममतमेव दुष्टतयोपनीयते यथा पिङ्गलेनात्मा तदात्मोपनीतं P. 259a. 5) अतोत्रम् (attovamma < ātmaupamya ) n comparison with oneself AMg. जह ते न वियं दुक्खं जाणिय एमेव सव्वजीवाणं । सब्वायरमुव उत्तो अत्तोवम्मेण कुणसु दयं Bhatta P. 90. अत्थ (attha <artha ) 1 meaning of a word, sentence, or utterance [Hem.(Gr.) 4. 310], AMg अलूसए नो पच्छन्नभासी नो सुत्तमत्थं च करेज ताई Say. 1. 14.26; 1.14.11; 2.6.16(802); Jivabhi. 3. 250; तेण परं सुत्तस्स वि अत्थस्स वि नो अत्तागमे, नो अणंतरागमे, परंपरागमे Viy. 5.97 [Ldn.]== Apn0g. 470; एवं विणयजुत्तस्स सुत्तं अत्यं तदुभयं [1t. 23.1; āyarDas. 10. 29; जह वंजणनाणत्तं अत्थेणऽवि पुच्छए एवं PindN1. 120; JM. एगट्ठियाणि तिण्णि उ पवयण सुत्तं तहेव अत्थो अ AvNi. 129; अत्थो सुयस्स विसओ तत्तो भिन्नं सुयं पुहत्तं ति ViāvBha. 1071; 1072; 1073; ओहे पिंड-समासे संखेवे चेव होंति एगट्ठा। निज्जुत्तत्ति य अत्था जं बद्धा तेण निज्जुत्ती OghNiBha. 1; अत्यं भासर अरहा KappBhā. 198; ठाणुन्नत्था लंबणरहिओ तंतमि पंचहा एसो VIs Vis 17.2; तह वि अतो अत्थो (topic) कीरह एसो कहाबंध KuvMaka 4.4; ढंढोलि आगमत्थं, घत्तिअ तत्तं, गवेसिअप्पाणं KumāCa. (H) 7.34; अत्थ-पयाण- रहिया जासिं वयपि न लहंति SurSuCa. 16. 231; सेसायाणं साहइ उवरित्थो मज्झिमं अत्थं Rit Samu. 210; 212; J वोच्छामि सुत्तगाहा जयि गाहा जम्मि अत्थम्मि KasaPa 2; सुत्तत्थं जिणभणियं SutPa. 5; M. अह जंपर अफुडत्थं तह से हिअअट्ठिअं किंपि GaSaSa 3.96, अत्यचेअ णिरारंभमेति हिअअं कदाण GaudVa. 86; 92; आहासर निम्मलत्थं वअणं SetuBa. 3.9; 4.24; उबलब्भइ जेण फुडं अत्थो अकत्थिएण हियएण Lils. 40; 968; 8. ( सिद्धार्थक ) तथा पदाणं पि पढमभणिदो अत्थो परिवादिदव्वो Mudr$Ra. 141 . 3; (उभे) अगहिदत्थाओ अम्हे Śak. 71. 16 (6) ; ( विचक्षणा) अत्थे सुउमारा दे वाणी KappMan. 1.20.7; 2. 20. 8; Apa. बहुवायरणसद्द सत्यत्यें । स्यलकलाकलावपरियाणिय Bhavika. 18.2; नियय-सिविण सत्थत्थु पभणई San KuCa. 462.5; सुपसत्यें अत्यें दिहि करंति NayCa.(P.) 1.1.5; गंतूण पारमहियं भावउ अत्थं महासंतो Jambusaca. 8. 1. 8; अत्थे गंथे तुट्ठो सि PaDo. 85; वुलउ छंद उट्टवण अत्थ विणु दुब्बल कहिअउ PraPaiñig. 1. 116; 2 object (of sense organs), thing, objeet, substance, Alg. चत्तारि इंदियत्था पुट्ठा वेदेति, तं जहा- सोरंदियत्थे, घार्णिदियत्थे, जिभिदियत्थे, फासिंदियत्थे Thapa. 4. 497 (334); ई दियपडि अस्थ संलीणया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा सोइंद्रियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसु रागदोसविणिग्गहो Viy. 25.7.212 (25573 ); Uvav. 30; केवलणाणेणइत्थे गाउं जे तत्थ पण्णवणजोग्गे Nandr. ga. अ; जं जिणवयणेणऽत्था तिकालजुत्ता वि णज्जंति ApuOg. ga. 69; JM. अत्थागं ओगहणंमि उग्गहो ĀvNi. 3; बुद्धि अत्थे जे भास तं सुयं मईसहियं ViāvBhā. 128; 179; 1037; 274; कोऊहल-कुसलेहिं कुऊहलत्थे कोहलीवि परमप्पं थुणिय ... सो अत्थाणिं पत्तो Kum&Ca. (H.) 1.72; परिणामकओ व्व जो जहि अत्यो SanmTs. 1. 27; 2.25 2.28; 2.39; JS णत्थि विणा परिणामं अत्यो अत्थं विणेह परिणामो । दब्वगुण-पज्जयत्थो अत्थो अत्थित्त- णिव्वत्तो ParSa 1.10; 1.40; 1.53; जुत्ता जे जीवगुणा बहुसु य अत्थेसु विच्छिण्णा Pañcatthi. 56; गामे वा णयरे वाइरण्णे वा पेच्छिऊण परमत्थं । जो मुंचदि ग्रहणभावं Niysa. 58; अत्थपरिणाममानिय सव्वे परिणामिणो अत्था SraĀ.(V.)27; Apa. मंदरधीरु वीरु दिहिपरियरु इत्थिभत्थनृवथेणकहंतरु । ण भणा‍ण सुण‍ MahaPu. (P.) 49.4.1; संते गयणे नवभवसमत्थु पावर अवयासु धराइ अत्थु JambūSaCa. 2. 1. 8; 3 one of the fourfold goals of life, weatlh, riches, prosperity [Hem. (Gr.) 2.33; PaiLaMa. 78]; ANg. लोइए ववसाए तिविषे पण्णत्ते, तं जहा अत्थे, धम्मे, कामे Thana. 3. 397 (191 ); एवं ते परस्स अत्यंमि गटियगिद्धा Payha. 2.10; तस्स णं इक्काई रट्ठकूडे विउलं अत्यसंपयाणं दलयर Viva. 22; अत्थं च धम्मं च वियाणमाणा Utt. 12.33; जो पुण अत्थं अवहर तस्स सो जीवियं पि अवहरइ । जं सो अत्थकएणं उज्झइ जीयं न उग अत्यं BhattaP. 103; 133; JM. कामट्ठयो सुहओ चउत्थ- पुरिसत्थगाणं पि Kum&Ca. (H) 3.7; नाणाविहोवगरणं ... एसो अत्थो भणिओ छब्बिह चउसट्टिभेओ उ DasaveNi. 268; अत्थु असारउ SupāsCa. 10.64; सुह-पीदि- अत्थ लाहो मरणं वि अ पावगहजुत्तो RisSamu. 226; अत्थो जसो न लब्भर सो य अभित्तो कओ होइ ChaGa 9; सो अत्थो जो हत्ये Subba PajjSam. 17; = GaSaSa 3.51; अत्यो चिय परिवड्डउ जेण गुणा पायडा हुंति VajLag. 144; 23; 120; अत्थो वि असारो Erz. 58.8; Js. सो देइ जस्स अस्थि हु अत्थो धम्मो य पव्वज्जा BodPa. 24; BhāvPa. 162; पुत्तकलत्तणिमित्तं अत्थं अजय दि पावबुद्धीए BaAyu. 30; अत्थो मूलं अणत्थाणं Mala 723 ( 8 ); 8. ( पुरुष ) ण मए अत्थस्स कारणेण सेट्ठी संजमिदो MudrāRa. 175.3; Apa. अत्थु विढप्पर विविपयारिहिं BhaviKa. 36.7; 37.1; 38.6; कुलु कुलबहुस पुरिसु वि अत्थे अत्थु वि जहि दार्णि सहर JasCa. 1. 29.13; 2.1.39; अत्थु णरेसरेण संचवेउ NayCa. (P.) 3.2.12; PaNaCa. 7.4.9; ताए समाणु विलासुवहुंजइ मूसि वि नयरु अत्थु घरे पुंजइ JambūSaCa. 3. 14.22; दाणहु कित्ति व (सा) अत्थहु मुत्ति व CundappCa. (Y) 2. 11. ; 1.11.10; 2.9.1; धम्महँ अत्थहँ कामहं वि एयहँ सयलहँ मोक्खु Parama.pp. 2. 3; 4 purpose, aim, cause, intention, desired thing [occurs as a second member of s epd. or with Gen.] AMg कस्स वा अत्थस्स अट्ठाए हं हव्वमागया Viy. 5.4.10 (5.85 ); हं भो कामदेवा, समणोवासया, धन्ने सि तुमं... संपुण्णे, कयत्थे, कयलक्खणे Uvas 113; JM जाओ सि जाण सामिअ पयाओ ताओ कयत्थाओ RsaPañca. 10; M. आसंसिअत्थविमणो जह पणइ जणो निअसंतो GaSaSa 1.76; 80; विट्ठम्मि पुहइ गाहे जहिच्छियत्थे समावडिए Lila 1063; JŚ. अत्थे ठाहिदि चेदा सो पावदि उत्तमं सुक्खं SamSa. 415; 8. (सूत्रधार ) इट्ठस्स वेअ अत्थस्स पत्थाओ उन्भिज्ज‍ SiñMan. 1. 3. 3; Apa न नियत्थु मुयवि संसारसोक्खु Jambasaca. 19.3.7. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .... For Private and Personal Use Only अस्थ (attha <asta ) m. 1 one of the names of mountain Mandara, AMg. मंदरस्स णं पव्वयस्स सोलस नामधेया पण्णत्ता, तं जहा - अत्थे अ सूरियावत्ते, सूरियावरणेत्ति य Samav. 16.3; 2 Western Mountain, AMg. अत्थस्स णं पव्वयरण्णो बितिए पं.डे अट्ठतीसं जोयणसहस्साई उड्डुं उच्चत्तेणं पण्णत्ते Samav. 38.3; Apa. अत्थं पडिणिवेइओ

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