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बीदर
मार्ग और अवस्थिति
कर्नाटक के सबसे उत्तरी छोर पर बीदर जिला है । इसका सदर मुकाम बीदर शहर है। यहाँ से केवल आठ किलोमीटर की दूरी पर आन्ध्रप्रदेश की सीमा प्रारम्भ हो जाती है । आन्ध्र से इसे जोड़ने वाली सड़क जहिराबाद होते हुए हैदराबाद को चली जाती है। हैदराबाद से जहिराबाद 107 कि. मी. है और वहाँ से बीदर 29 कि. मी. की दूरी पर है। ___कर्नाटक के इस शहर की सीमा महाराष्ट्र को भी छूती है। एक ओर यह नांदेड से आने वाली सड़क द्वारा महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है तो दूसरी ओर बम्बई-पूना से । बम्बई की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) क्रमांक 9 द्वारा बीदर पहुँचने का मार्ग इस प्रकार हैबम्बई-पूना-शोलापुर-उमर्गा (महाराष्ट्र)-हुम्नाबाद (कर्नाटक) और वहाँ से 50 कि. मी. की दूरी पर है बीदर । बम्बई-हैदराबाद की कुल दूरी 755 कि. मी. है।
बीदर बंगलोर से 669 कि. मी. और गुलबर्गा से 116 कि. मी. की दूरी पर है।
बीदर रेल द्वारा सिकन्दराबाद और परली बैजनाथ (वहाँ से परभणी होते हुए औरंगाबाद) से जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद है। बोदर और समीपवर्ती क्षेत्र
इतिहासकार किसी समय बीदर का सम्बन्ध प्रसिद्ध नल-दमयन्ती आख्यान के विदर्भ से जोड़ते थे किन्तु अब स्पष्ट हो गया है कि बीदर विदर्भ नहीं है।
उपर्युक्त नाम का उल्लेख महाभारत में विदुर नगर के रूप में हुआ है, जो कि कन्नड़ बिदुर का संक्षिप्त रूप है, विद्वानों की ऐसी मान्यता है । इस शहर का नाम बिदरूरु > बीदरे से बीदर हो गया है। कन्नड़ में इसका अर्थ उस स्थान से है जहाँ बाँस अधिक संख्या में उत्पन्न होते हैं। बीदर और उसके आसपास के प्रदेश का उल्लेख पुराणों, कामसूत्र आदि में कन्तल (प्रदेश) के रूप में हुआ है । वैसे किसी समय इस प्रदेश पर शासन करने वाले होय्सल, चालुक्य आदि राजाओं ने कुन्तलेश, कुन्तलेश्वर उपाधियाँ धारण की थीं। इतिहास
बीदर नांदेड से जुड़ा हुआ है। विद्वानों ने नांदेड (नामक शहर) का प्राचीन नाम 'नवनन्द देहरा' या 'नौनन्द देहरा' बताया है। इसका अर्थ है नव नन्द राजाओं का देहरा अर्थात् मन्दिर-स्थान । मन्दिर के लिए राजस्थान और गुजरात में देहरा शब्द का प्रयोग होता है। नन्द