Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 16 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२५ उ.६ सू०१३-३५ परिमाणद्वारनिरूपणम् २५७ मुत्कर्षतः कोटिशतपृथक्त्वसंख्यत्वादिति । 'पडिसेवणाकुसीला संखेज्जगुणा' बकुशापेक्षया पतिसेवनाकुशीलाः संख्येयगुणा अधिका भवन्ति, ननु बकुशपतिसेवनाकुशीलयो रुभयोरपि उत्कर्षतः कोटि शतपृथक्त्वमानतया कथं बकुशा. पेक्षया प्रतिसेवनाकुशीलानां संख्येयगुणाधिकवमिति चेदत्रोच्यते बकुशानां यत् कोटिशतपृथक्त्वं तत् द्वित्रादि कोटिशतमानात्मकम् प्रतिसेवनाकुशीलानां तु कोटिशतपृथक्त्वम् चतुः षट् कोटिशतमानमित्यतो बकुशापेक्षया मतिसेवना. कुशीलानां संख्येयगुणाधिकत्वकथनं न विरुद्ध मिति संख्येयत्वस्याने कविधस्वात् 'कसायकुसीला संखेज्जगुणा' प्रतिसेवनाकुशीलापेक्षया कषायकुशीला संख्येयगुणा कोटिशत पृथक्त्व है। 'पडिसेवणाकुमीला संखेज्जगुणा' प्रतिसेवना कुशील बकुशों की अपेक्षा संख्यातगुणे अधिक हैं।
शंका--बकुश और प्रतिसेवनाकुशील इन दोनों का प्रमाण उस्कृष्ट से कोटिशत पृथक्त्व कहा गया है तो फिर धकुशों की अपेक्षा प्रतिसेवना कुशीलों का प्रमाण संख्यातगुणा अधिक इनकी अपेक्षा क्यों कहा गया है?
उत्तर--चकुशों का जो कोटिशतपृथक्त्व प्रमाण कहा गया है वह दो तीन आदि कोटिशतरूप कहा गया है और प्रतिसेवना कुशीलों का जो कोटिशतपृथक्त्व प्रमाण कहा गया हैं वह चार छह कोटि शतरूप कहा गया है। इस प्रकार धकुशों की अपेक्षा प्रतिसेवनाकुशीलों का प्रमाण संख्यातगुणा अधिक जो कहा है वह विरुद्ध नहीं पड़ता है, क्योंकि संख्यात अनेक प्रकार का होता है। 'कसायकुसीला संखेज्जगुणा' प्रतिसेवना कुशीलों की अपेक्षा कषायकुशील छ. भ-तम्यान प्रभा अटकी हैटिशत पृथ३१ छे. 'पडिसेवणाकुसीला संखज्जगुणा' प्रतिसेवना शla अश। ३२di सभ्यात पारे छे.
શંકા-બકુશ અને પ્રતિસેવન કુશીલ આ બેઉનું ઉત્કૃષ્ટ પ્રમાણે કોટિશત પૃથફત્વનું કહ્યું છે, તે પછી બકુશે કરતાં પ્રતિસેવના કુશીલેનું પ્રમાણુ સંખ્યાતગણુ વધારે તેમની અપેક્ષાથી કેમ કહ્યું છે?
ઉત્તર- અશેનું જે કેટિશત પ્રથકૃત્વ પ્રમાણે કહ્યું છે, તે બે ત્રણ વિગેરે સે કરોડ રૂપ કહેલ છે અને પ્રતિસેવના કુશીલેનું જે કેશિત પૃથક પ્રમાણુ કહ્યું છે, તે ચાર, છ કરોડ રૂપ કહેલ છે, આ રીતે બકુશે કરતાં પ્રતિસેવન કુશીલનું પ્રમાણ સંખ્યાતગણું વધારે જે કહ્યું છે, તે કથન वि३ थ नथी. भ. सध्यात भने प्रानु हाय छे. 'कसायकुसीला संखेज्जगुणा' प्रतिसेवना पुशीतानी अपेक्षाथी ४ायशी geथी सध्यात.
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૬