Book Title: Swatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Author(s): Kanaknandi Acharya
Publisher: Dharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
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9. हिंसादि पांच पापों के विषय में करने योग्य विचार 10. निरन्तर चिन्तवन करने योग्य चार भा.नाएँ 11. संसार और शरीर के स्वभाव का विचार 12. हिंसा पाप का लक्षण 13. असत्य का लक्षण 14. कुशील का लक्षण 15. परिग्रह पाप का लक्षण 16. व्रतों की विशेषता 17. व्रतों के भेद 18. अगारी का लक्षण 19. अणुव्रत के सहायक सात शीलव्रत 20. व्रती को सल्लेखना धारण करने का उपदेश 21. सम्यक् दर्शन के पांच अतिचार । 22. 5 व्रत और 7 शीलों के अतिचारों की व्याख्या - 23. अहिंसाणुव्रत के पांच अतिचार 24. सत्याणुव्रत के अतिचार . 25. अचौर्याणुव्रत के पांच अतिचार 26. ब्रह्मचर्याणुव्रत के पाँच अतिचार 27. परिग्रह परिमाणाणवत के अतिचार 28. दिव्रत के अतिचार 29. देशव्रत के अतिचार 30. अनर्थदण्ड व्रत के अतिचार 31. सामायिक शिक्षाव्रत के अतिचार 32. प्रोषधोपवास शिक्षाव्रत के अतिचार 33. भोग उपभोग परिमाण के अतिचार 34. अतिथिसंविभाग व्रत के अतिचार
35. सल्लेखना के अतिचार • 36. दान का लक्षण - 37. दान में विशेषता
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