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३. गीत एवं स्तवन :
१. मिथ्यादुक्कड़ विनती,
२. बारहव्रत गीत,
३. जीवड़ा गीत,
४. जिन्द गीत,
४. पूजा साहित्य :
१. गुरु जयमाल,
२.
शास्त्र पूजा,
३. सरस्वती पूजा, ५. स्फुट साहित्य :
१. रविव्रत कथा,
२. चौरासी जाति जयमाल,
३. भट्टारक विद्याधर कथा,
राजस्थान के जैन संत-व्यक्तित्व एवं कृतिस्क
५.
६.
७.
आदिनाथ स्तवन,
प्रालोचना जयमाल,
स्फुट - विनती, गीत, चुनरी,
धवल गिरिनार धवल,
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धारती निजामार्ग आदि ६
४,
गुरु पूजा, ५. जम्बूद्वीप पूजा,
६.
निर्दोषसप्तमीत्रत पूजा,
४.
अष्टांग सम्यक्त्व कथा,
५.
व्रत कथा कोश,
६. पञ्चपरमेष्ठि गुण वर्णन,
अब यहां कवि को कुछ रचनाओं का परिचय दिया जा रहा है
१. जम्बूस्वामी चरित्र
यह एक प्रबन्ध काव्य है जिसमें अन्तिम केवली जम्बूस्वामी का जीवन चरित्र निबद्ध है । सम्पूर्ण काव्य ग्यारह सगों में विभक्त है । काव्य में वीर एवं श्रृंगार रस का अद्भुत सम्मिश्रण है जिससे काव्य भाषा एवं शैली की दृष्टि से एक मोहक काव्य बन गया है । भाषा सरल एवं अर्थ मय है । काव्य में सुभाषितों का बाहुल्य है | कुछ उदाहरण यहाँ दिये जा रहे हैं
यत् किञ्चित् दुर्लभं वस्तु जगत् यस्मिन् निरोक्षते । तत्सवं धर्मतो नूनं प्राप्यते क्षणमात्रतः ११८ ॥
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एकाकी जायते प्राणी तकाकी विलीयते । सुखदुःखमयंकाकी, भुंक्त धर्मवशात्वं ॥७२॥
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निंदा स्तुति समो धीमान् जीविते मरखे तथा । शृणोति शब्दं बधिर, द्रव पश्यति "
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मातर्जात सुपुत्रो हि स्व भूवयति यत् कुलं । शुभाचारादिना नूनं वरं मन्ये धनं किभु ॥७४॥
।। १७८ ।।