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विषयानुक्रमणिका अपूर्वकरण गुणस्थानका स्वरूप अनिवृत्तिकरण गुणस्थानका स्वरूप सुक्ष्मसांपराय गुणस्थानका स्वरूप उपशान्तकपाम और क्षीणकषाय गुणस्थानका स्वरूप सयोगकेवली और अयोगकेवली गुणस्थानका स्वरूप चौदह जीवस्थान-जीवसमासोंका वर्णन यह पर्यापियों के नाम और उनके स्वामी दश प्राणों के नाम तथा उनके स्वामी चार संज्ञाओंके नाम चौदह मार्गणाओंके । गतिमार्गणाका स्वरूप और भेद इन्द्रियमार्गणा और उसके भेद द्रव्येन्द्रियका निरूपण अन्तरङ्गनिवृत्तिका लक्षण बामनिर्वृत्तिका लक्षण आभ्यन्तर और बाह्य उपकरण भावेन्द्रिय और लब्धिका लक्षण उपयोगका लक्षण और भेद इन्द्रियों के नाम और क्रम पोच इन्द्रियों तथा मनका विषय इन्द्रियाँ अपने विषयको किस प्रकार ग्रहण करती है ? इन्द्रियोंकी आकृतियाँ इन्द्रियोंके स्वामी एकेन्द्रिय अथवा स्थावरोंके नाम हीन्द्रिय जीवोंके नाम श्रीन्द्रिय जीवोंके नाम चतुरिन्द्रिय जीवोंके नाम पक्चेन्द्रिय जीवोंके नाम पृथिवीकायिक आदि जीयोंका आकार पृथिवीकायिक जीवोंके छत्तीच भेद जलकायिक जीवोंके भेद अग्निकायिक जीचोंके भेद वायुकायिक जीवोंके भेद
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