Book Title: Tattvarthsar
Author(s): Amrutchandracharya, Pannalal Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 285
________________ 232 तत्त्वार्थसार 187 174 166 147 161 41 स्थिर संघातश्रुतज्ञान संघातसमास संज्ञाचतुष्टय संजीमार्गणा संमई नजन्म संयमधर्म संयममार्गणा संरम्भ संवर संघर संबरानुप्रेक्षा संसारिजोव संस्थान संस्थान विचयवर्थध्यान साकारोपयोग साधन साधारण सामानिक सामायिक सामायिकचारित्र মামান্ধিজিম্বার साम्परायिकासव सासनगुणस्थान सांशमिवामिथ्यात्व सुभग सुस्वर सूक्ष्म सूक्ष्म क्रियशुक्लष्यान सूक्ष्मसाम्पराय सूक्षमसाम्परायचारित्र सूत्रकृताङ्ग 62-63 स्कन्म स्त्रीपरिषह 58 स्त्यानगुद्धि 113 स्थानाङ्ग / स्थापनानिक्षेप स्थावर 171 स्थिति 34 स्थितिबन्ध 106 स्पर्श स्पर्शन स्पर्शनक्रिया 149 स्मरण स्वतत्त्व स्वसंवेदनज्ञान 173 स्वहस्त्रक्रिया स्वातिसंस्थान स्वामित्व 35 स्वार्थानुमिति हिंसा होयमानअवधिज्ञान हुण्डका संस्थान 149 24-25 112 112 149 128 142

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