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चदुत्थ सम्मदी
सिक्खाए अणुसासणं (शिक्षा में अनुशासन)
विज्जाहर छंदो-विद्याधर छंद वारहदिग्घा पत्तेगे चरणे ssssssssssss = 12 वर्ण
ओमो ओमो आदी ओमो सिक्खाधारो बहा आदी सिप्पी कंतो सव्वाधारो। वण्णी-सुव्भा सूणू णाही-गंदा गंदा
विज्जाहारा णम्मे आदि सव्वे छंदा॥11॥ ओम तो ओम है, आदि में ओम शिक्षाधार है, ब्रह्म, आदिब्रह्म शिल्पी कान्त सभी के आधार हैं। आप शुभ्र वर्ण वाले नाभिराय के पुत्र नन्द ही नन्द वाले सभी विद्याओं के आधार एवं सभी छंद वाले हैं मैं ऐसे आदि शिक्षक को नमन करता हूँ।
विज्जुमाला-अठ्ठा अठ्ठा दिग्घा वण्णा विज्जू जोदी सिक्खा दिण्णा बालो एसो सोम्मो चंदो, तारा कंती गेहे रम्मे।
कीले भाऊ पाढं पाढे कीलंगाए॥2॥ यह सौम्य चन्द्र सम बालक रम्य गृह में मानो ताराओं की कान्ति हो। यह खेल खेल में भाई-बन्धु युक्त क्रीडांकन (खिलोनों से) खेलता हुआ पाठ के अभ्यास में रत था।
64 :: सम्मदि सम्भवो