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फिरोजाबाद चाउम्मासो
णवम सम्मदी
म तप्प - काले हु तप्पे तवंतो महाजोग - जोगं च सुत्ते मुणंतो । भवं पास बंधं च छिण्णं तमंध
भुजंगप्यादो
पुरेगाम - गोचारवंतो मुणीसो ॥1 ॥
ये मुनिवर पुर ग्राम-ग्राम में विचरण करते भव पास बंन्ध एवं तमांध को दूर करने के लिए ये महातप्तकाल (ज्येष्ठकाल) में तप में समाहित महायोग धर्मध्यान की ओर अग्रसर सूत्रों पर चिन्तन करते हुए विचरण करते हैं ।
2.
मज्झए उत्तरे मालवा मेडए ।
दाहि गुज्जरे माणवाणं तवे ॥2 ॥
लच्छीधर
SISS IS SIS SIS
ये संघ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मालवा, मेवाड, दक्षिण एवं गुजरात के मनुष्यों के लिए तप की ओर अग्रसर करते हैं । ये माण- वाणं - मान रूपी बाण को गुज्जरे नष्ट करने के लिए तप में दाहिणे - दक्षता प्राप्त करते हैं । ये तपस्वी सम्राट मध्यस्थ भाव उत्तरे-रखते हुए मालवा मेडए - धनवानों को भी तप की ओर लगाते हैं।
सम्मदि सम्भवो :: 155