________________
४७
लेश्या-कोश '२६ लेश्या-स्थानों का अल्प-बहुत्व २६.१ जघन्य स्थानों में द्रव्यार्थ, प्रदेशार्थ तथा द्रव्य-प्रदेशार्थ अल्प-बहुत्व ।
एएसि णं भंते ! कण्हलेस्साठाणाणं जाव सुक्कलेस्साठाणाण य जहन्नगाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेस्साठाणा दवट्टयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा कण्हलेस्साठाणा दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा तेउलेस्साठाणा दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा पम्हलेस्साठाणा दव्वळ्याए असंखज्जगुणा, जहन्नगा सुक्कलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ।
पएसट्टयाए-सव्वोत्थोवा जहन्नगा काऊलेस्साठाणा पएसट्टयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा कण्हलेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा तेऊलेस्साए ठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा पम्हलेस्साठाणा पएसठ्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा सुक्कलेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा ।
दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा जहन्नगा काऊलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, एवं कण्हलेस्सा, तेऊलेस्सा, पम्हलेस्सा, जहन्नगा सुक्कलेस्सा ठाणा दग्वट्ठयाए असंखज्जगुणा, जहन्नएहितो सुक्कलेस्साठाणेहिंतो दव्वट्ठयाए जहन्नगा काऊलेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा नीललेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, एवं जाव सुक्कलेस्साठाणा।
-पण्ण० प १७ | उ ४ । सू ५१ । पृ० ४४६ द्रव्यार्थ रूप में- जघन्य कापोतलेश्या स्थान सबसे कम है, जघन्य नीललेश्या स्थान उससे असंख्यात् गुण हैं, जघन्य कृष्णलेश्या स्थान उससे असंख्यात् गुण हैं, जघन्य तेजोलेश्या स्थान उससे असंख्यात् गुण है, जघन्य पद्मलेश्या स्थान उससे असंख्यात् गुण हैं, जघन्य शुक्ललेश्या स्थान उससे असंख्यात् गुण है।
प्रदेशार्थ रूप भी इसी प्रकार जानना।
जघन्य द्रव्यार्थ शुक्ललेश्या स्थान से जघन्य कापोतलेश्या प्रदेशार्थ स्थान असंख्यात् गुण है, उससे जघन्य नीललेश्या प्रदेशार्थ स्थान असंख्यात् गुण है, इसी प्रकार यावत् शुक्ललेश्या तक जानना।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org