________________
लश्या-काश एसु उववजित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव बेइंदियस्स ओहियगमए लद्धी तहेव xxx-सेसं तं चेव ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । प्र ३० । पृ० ८३३ ५८.१०.१० संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से पृथ्वीकायिक जीवों ___में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तियं च योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (जइ संखेजवासाउय ( सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए० )xxx ते णं भंते ! जोवा० xxx एवं जहा रयणप्पभाए उववजमाणस्स सन्निस्स तहेव इह वि xxx लद्धी से आदिल्लएसु तिसु वि गमएसु एस चेव । मज्झिल्लएसुतिसु वि गमएसु एस चेव । नवरंxxx तिन्नि लेस्साओ। xxx पच्छिल्लएसु तिसु वि गमएसु जहेव पढमगमए xxx ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में छ लेश्या होती हैं ( ५८१.२)।
-भग० श २४ । उ १२ । प्र३३, ३४ । पृ०८३४ ५८.१०.११ असंज्ञी मनुष्य से पृथ्वी कायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-४-६ :-असंज्ञी मनुष्य से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असन्निमणुस्से गं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु० से णं भंते ! xxx एवं जहा असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स जहन्नकालटिईयस्स तिन्नि गमगा तहा एयरस वि ओहिया तिन्नि गमगा भाणियव्वा तहेव निरवसेसं, सेसा छ न भण्णंति ) उनमें तीन ही गमक होते हैं तथा इन तीनों गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ।
-भग• श २४ । उ १२ । प्र ३६ । पृ० ८३४ ५८.१०.१२ (पर्याप्त संख्यात् वर्ष की आयुवाले ) संज्ञी मनुष्य से पृथ्वीकायिक जीवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में :--- गमक-१-६ : (पर्याप्त संख्यात् वर्ष की आयुवाले ) संज्ञी मनुष्य से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( सन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववज्जित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स तहेव तिसु वि गमएसु लद्धी। x x x मन्भिल्लएसु तिसु गमएसु लद्धी जहेव सन्निपंचिंदियस्स, सेसं तं चेव निरवसेसं, पच्छिल्ला तिन्नि गमगा जहा एयस्स चंव
ओहिया गमगा ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छ लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में छ लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । प्र ३६, ४० । पृ० ८३४-३५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org