Book Title: Leshya kosha Part 1
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 312
________________ लेश्या - कोश २७१ च्छेदार्थ विशेषणान्तरमाह - 'कालावभासाः कालः - कृष्णोऽवभासः - प्रतिभाविनिर्गमो येभ्यस्ते कालावभासाः, कृष्णप्रभापटलोपचिता इति भावः x x x वर्णमधिकृत्य परमकृष्णाः प्रज्ञप्ताः । इसीसे भंते! रयण्णप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं सरीरंगा केरसिया वण्णेणं पन्नत्ता, गोयमा ! काला कालोभासा जाव परमकण्हा एवं जाव असत्तमाए । - जीवा० प्रति ३ । उ २ (नरक) । सू ८७ । पृ० १४१ टीका – रत्नप्रभा पृथ्वीनैरयिकाणां भदन्त ! शरीरकानि कीदृशानि वर्णेन प्रज्ञप्तानि ? भगवानाह गौतम ! 'काला - कालोभासा' इत्यादि प्राग्वत्, एवं प्रतिपृथिवि तावद्वक्तव्यं यावदधः सप्तमपृथिव्याम् । इसीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं कइ लेस्साओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! एक्का काऊलेस्सा पन्नत्ता, एवं सक्करप्पभाए वि । वालुयप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! दो लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा - नीललेस्सा य काऊलेस्सा य ; × × × पंकप्पभाए पुच्छा, एक्का नीललेस्सा पन्नत्ता; धूमप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! दो लेस्साओ पन्नत्ताओ, तंजहा - कण्हलेस्सा य नीललेस्सा य; x x x तमाए पुच्छा, गोयमा ! एक्का कण्हलेस्सा ; अहेसत्तमाए एक्का परमकण्हलेस्सा | - जीवा० प्रति ३ । उ २ (नरक) । सू ८८ । पृ० १४१ नारकियों के नरकावास के वर्णों, शरीर के वर्णों तथा लेश्या का तुलनात्मक चार्ट शरीर नरकावास श्या प्रभा पृथ्वी काला कालावभास- परमकृष्ण काला कालावभास - परमकृष्ण कापोत "" शर्कराप्रापृथ्व बालुकाप्रभपृथ्वी पंकप्रभा पृथ्वी पृथ्वी तमप्रभा पृथ्वी तमतमाप्रभापृथ्वी " 35 Jain Education International "" 29 33 " *६६ १४ देवता और तेजोलेश्या - लब्धि : " 33 33 " "" " तए णं सा बलिचंचा रायहाणी ईसाणेणं देविंदेणं देवरन्ना अहे, सपक्खि सपडिदिसिं समभिलोइया समाणी तेणं दिव्वप्पभावेणं इंगालब्भूया मुम्मुरभूया For Private & Personal Use Only कापोत, नील नील नील, कृष्ण कृष्ण परमकृष्ण www.jainelibrary.org

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