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लेश्या-कोश का बन्धन होता है। तब बारहवें तथा तेरहवें गुणस्थान में कोई एक जीव ऐसा हो सकता है जिसके लेश्या की अपेक्षा से वेदनीय कर्म का बन्धन रूक जाता है लेकिन योग की अपेक्षा से चालू रहता है। '६६ २५ छूटे हुए पाठ :०४ सविशेषण-ससमास लेश्या शब्द :-- ४७ सूरियसुद्धलेसे
-सूय श्रु १ । अ६ । गा १३ । पृ० ११६ ४८ अत्तपसन्नलेसे
-उस• अ १२ । गा ४६ | पृ० ६६६ ४६ सोमलेसा
-कप्पसु० सू ११७ ; ओव० सू १७ । पृ० ८ ५० अप्पडिलेस्सा
_ -ओव० सू १६ । पृ० ७
अध्ययन, गाथा, सूत्र आदि की संकेत सूची
प्रश्न
प्रति
प्रतिपत्ति
मा
अध्ययन, अध्याय अघि अधिकार
उद्देश, उद्देशक गा गाथा
चरण
चूणी __ चूलिका
टीका
प्राभूत प्रप्रा प्रतिप्राभूत भा. भाष्य भाग भाग
ला
ཟླ ༧ ཟླ སྨྲལོ ཝ པ ཕ ཕ ཝཱ ཙྪཱ ཝ ཟློ ཝཱ ཉྙོ མ
दशा
लाइन वर्ग वार्तिक वृत्ति शतक श्रुतस्कंध श्लोक समवाय सूत्र स्थान
प
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