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लेश्या कोश '५८२२ सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :-- '५८ २२.१ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक-१-४, ७-६ : असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तियं च योनि के जीवों से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सोहम्मगदेवेसु उववजित्तए xxx ते णं भंते ! अवसेसं जहा जोइसिएसु उववज्जमाणस्स। xxx एवं अणुबंधो वि, सेसं तहेव xxx - प्र० ३-४ । ग० १। सो चेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नो एस चेव वत्तव्वया xxx ---प्र० ४। ग० २। सो चेव उक्कोसकालट्ठिइएसु उववन्नो xxx एस चेव वत्तव्वया xxx सेसंतहेव xxx-प्र०५। ग०३। सो चेव अप्पणा जहन्नकालटिइओ जाओ xxx एस चेव वत्तव्वया xxx सेसं तहेव xxx-प्र०६। ग० ४। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिइओ जाओ, आदिल्लगमगसरिसा तिन्नि गमगा णेयव्या xxx.--प्र०७। ग० ७-६) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएं होती हैं ( ५८२१.१)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र३-७ | पृ० ८४६ ५८ २२२ संरख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेंद्रिय तिर्यच योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि के जीवों से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (जइ संखज्जवासाउयसन्निपंचिंदिय ? संखेजवासाउयस्स जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव णव वि गमगा xxx सेसं तं चेव ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्याएँ, मध्यम के तीन गमकों में चार लेश्याएं तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याए होती हैं (५८"८.३)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र८। पृ०८४६ ५८.२२.३ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्मकल्प देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक-१४, ७-६ : असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्मकल्प देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए सोहम्मकप्पे देवत्ताए उववज्जित्तए० ? एवं जहेव असंखेज्जवासाउयस्स सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स सोहम्मे कप्पे उववज्जमाणस्स तहेव सत्त गमगा xxx। सेसं तहेव निरवसेसं) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएं होती हैं ( ५८.२२१)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १० । पृ० ८४६
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