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लेश्या - कोश
सव्वे वि ताव होज्ज लोभोवउत्ता ; अहवा लोभोवउत्ता य, मायोवउत्तो य; अहवा लोभोवउत्ता य, मायोवउत्ता य । एएणं गमेणं ( कमेणं) नेयव्वं जाव थणियकुमाराणं नवरं नाणत्तं जाणियव्वं ।
- भग० श १ । उ ५ | प्र १६० | पृ० ४०१
चउसट्ठीए णं भंते! असुरकुमारावाससय सहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमाराणं x x x एवं लेस्सासु वि । नवरं कइ लेहसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि, तंजहा किण्हा, नीला, काऊ, तेऊलेस्सा । चउसट्ठीए णं जाव कण्हलेस्साए वट्टमाणा किं कोहोवउत्ता ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा लोहोवउत्ता इत्यादि ) एवं नीला, काऊ, तेऊ वि ।
- भग० श १ । उ ५ । प्र १६० की टीका असुरकुमार के चौंसठ लाख आवासों में एक-एक असुरकुमारावास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीलेशी, कापोतलेशी व तेजोलेशी असुरकुमार में लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के सत्ताईस विकल्प कहने। नारकियों में क्रोध को बिना छोड़े विकल्प होते हैं परन्तु देवों में लोभ को बिना छोड़े विकल्प बनते हैं । अतः प्रतिलोम भंग होते हैं, ऐसा कहा गया है। इसी प्रकार नागकुमार से स्तनितकुमार तक कहना परन्तु आवासों की भिन्नता जाननी । - ७२१३ सलेशी वानव्यन्तर देव में कषायोपयोग के विकल्प
वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा भवणवासी, नवरं नाणत्तं जाणियव्वं जं जस्स, जाव अनुत्तरा ।
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-भग० श १ । उ ५ । प्र १६६ | पृ० ४०२ वानव्यन्तर के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीलेशी, कापोतलेशी व तेजोलेशी वानव्यंतर में भवनवासी देवों की तरह लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के सत्ताईस विकल्प कहने ।
७२.१४ सलेशी ज्योतिषी देव में कषायोपयोग के विकल्प :
ज्योतिषी देव के असंख्यात लाख विमानावासों में एक-एक विमानावास में बसे हुए तेजोलेशी ज्योतिषी देव में भवनवासी देवों की तरह लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के सत्ताईस विकल्प कहने । ( देखो पाठ ७२१३ ) ७३ १५ सलेशी वैमानिक देव में कषायोपयोग के विकल्प :
वैमानिक देवों के भिन्न-भिन्न भेदों में भिन्न-भिन्न संख्यात विमानावासों के अनुसार एक-एक विमानावास में बसे हुए तेजोलेशी, पद्मलेशी व शुक्ललेशी वैमानिक देवों में भवनवासी देवों की तरह लोभोपयोग, मायोपयोग, मानोपयोग व क्रोधोपयोग के सत्ताईस विकल्प कहने । (देखो पाठ ७२१३ )
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