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लेश्या-कोश
पृथ्वीकायिक में चार कषायोपयोग के एकवचन तथा बहुवचन की अपेक्षा से क्रोधोपयोग आदि के अस्सी विकल्प नीचे लिखे अनुसार होते हैं :
४ विकल्प एकवचन के, यथा--क्रोधोपयोगवाला, ४ विकल्प बहुवचन के, यथा-क्रोधोपयोगवाले, २४ विकल्प द्विक संयोग से, यथा-एक क्रोधोपयोगवाला तथा एक मानोप
योगवाला, ३२ विकल्प त्रिक संयोग से, यथा--एक क्रोधोपयोगवाला, एक मानोपयोगवाला
तथा एक मायोपयोगवाला, १६ विकल्प चतुष्क संयोग से, यथा-एक क्रोधोपयोगवाला, एक मानोपयोगवाला,
एक मायोपयोगवाला तथा एक लोभोपयोगवाला। ७२.३ सलेशी अप्कायिक में कषायोपयोग के विकल्प :: अप्कायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीललेशी व कापोतलेशी अप्कायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहने। तेजोलेशी अकायिक में अस्सी विकल्प कहने ( देखो पाठ ७२.२ )। ७२.४ सलेशी अग्निकायिक में कषायोपयोग के विकल्प :
अग्निकायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीललेशी व कापोतलेशी अग्निकायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहने ( देखो पाठ ७२'२)। •७२.५ सलेशी वायुकायिक में कषायोपयोग के विकल्प :
वायुकायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक एक आवास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीललेशी व कापोतलेशी वायुकायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहने ( देखो पाठ
७२२)। •७२.६ सलेशी वनस्पतिकायिक में कषायोपयोग के विकल्प :
___ वनस्पतिकायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में बसे हुए कृष्णलेशी, नीललेशी व कापोतलेशी वनस्पतिकायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहने । सेजोलेशी वनस्पतिकायिक में अस्सी विकल्प कहने ( देखो पाठ '७२२)। •७२.७ सलेशी द्वीन्द्रिय में कषायोपयोग के विकल्प :
बेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं जेहिं ठाणेहिं नेरइयाणं असीइभंगा तेहिं ठाणे हिं असीइं चेव, नवरं अब्भहिया सम्मत्त आभिणिबोहियनाणे, सुयनाणे य, एएहिं असीइभंगा,जेहिं ठाणेहिं नेरइयाणं सत्तावीसं भंगा तेसु ठाणेसु सव्वेसु अभंगयं। .
-भग० श १ । उ ५। प्र १६३ । पृ० ४०१
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