________________
१४२
लेश्या-कोश ५८.३० आनत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :-- "५८'३०.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य योनि से आनत देवों में उत्पन्न
__ होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आनत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए आणयदेवेसु उववज्जित्तए० ? मणुस्साण य वत्तव्वया जहेव सहस्रारेसु उववज्जमाणाणं । xxx सेसं तहेव जाव-अणुबंधो। xxx एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा xxx एवं जाव- अच्चुयदेवा xxx) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं ( ५८ २६२)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र२० । पृ० ८५० ५८.३१ प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :'५८३१.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :-- गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८३०.१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं।
-भग० २४ । उ २४ । प्र २० । पृ०८५० ५८३२ आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :५८३२.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक---१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८.३०.१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं।
--भग० श२४। उ २४ । प्र२० । पृ०८५० "५८.३३ अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :५८.३३.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.३०.१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लोश्याएं होती हैं।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र२०। पृ० ८५०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org