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लेश्या-कोश
१४१ ५८.२७.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से लांतक देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८ २७.१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( '५८ २४.२)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८। पृ० ८५० ५८२८ महाशुक्रदेवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :५८२८.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से महाशक देवों में
___ उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से महाशुक्रदेवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.२७.१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८.२४.१ )।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८ | पृ० ८५० ५८.२८२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से महाशुक्र देवों में उत्पन्न
होने योग्य जोवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संझी मनुष्य योनि से महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८२७.१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं ( '५८२४.२)।
-भग० श२४ । उ २४ । प्र १८ पृ० ८५० ५८२६ सहस्रारदेवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :'५८ २६.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तियं च योनि से सहस्रार देवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८.२७.१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं ( ५८ २४.१ )।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८ । पृ० ८५० "५८२६.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न
__होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८.२७.१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८२४२)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १८। पृ० ८५०
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