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लेश्या - कोश
इसी प्रकार ज्योतिषी तथा वैमानिक देवों के सम्बन्ध में कहना । लेकिन जिसके जो लेश्या हो, वही कहनी । ज्योतिषी तथा वैमानिक देवों के मरण के स्थान पर च्यवन शब्द का प्रयोग करना ।
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तदेवमेके कलेश्याविषयाणि चतुर्विंशतिदंडकक्रमेण नैरयिकादीनां सूत्राण्युक्तानि । तत्र कश्चिदाशंकेत - प्रविरलैकैकनारकादिविषयमेतत् सूत्रकदम्बकं यदा तु बहवो भिन्नलेश्या कास्तस्यां गतावुत्पद्यन्ते तदाऽन्याऽपि वस्तुगतिर्भवेत्, एकैकगतधर्मापेक्षया समुदायधर्मस्य क्वचिदन्यथाऽपि दर्शनात् । ततस्तदाशंकाऽपनोदाय येषां यावत्यो लेश्याः सम्भवन्ति तेषां युगपत्तावलेश्याविषयमेकैकं सूत्रमनन्तरोदितार्थमेव प्रतिपादयति - " से नूणं भंते! कण्हलेसे नीललेसे काऊलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नीललेसेस काऊ सेसु नेरइएस उववज्जइ' इत्यादि, समस्तं सुगमं ।
- पण्ण० प २७ । उ ३ । सू २८ टीका इस प्रकार एक एक लेश्या के सम्बन्ध में चौबीस दंडक के क्रम से नारकी आदि के सम्बन्ध में सूत्र कहने । उसमें यदि कोई यह आशंका करे कि विरल एक-एक नारकी के सम्बन्ध में यह सूत्र -समूह है तथा यदि भिन्न-भिन्न लेश्यावाले बहुत नारकी आदि उस गति में एक साथ उत्पन्न हों तो वस्तुस्थिति अन्यथा भी हो सकती है; क्योंकि एक-एक व्यक्ति के धर्म की अपेक्षा समुदाय का धर्म क्वचित् अन्यथा भी जाना जाता है। अतः इस आशंका को दूर करने के लिए जिसमें जितनी लेश्याएं सम्भव हो उतनी लेश्याओं को एक साथ लेकर एक-एक सूत्र उपर्युक्त पाठ में कहा है ।
'६७ २ एक लेश्या से परिणमन करके दूसरी लेश्या में उत्पत्ति :
'६७ २१ - नारकी में उत्पत्ति :
से नू भंते! कण्हलेस्से नीललेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएस उववज्जंति ? हंता गोयमा ! कण्हलेस्से जाव उवज्जंति से केण्ठ्ठणं भंते! एवं वुबइकहले से जाव उववज्जंति ? गोयमा ! लेस्सट्ठाणेसु संकिलिस्समाणेसु संकिलिस्समाणेसु कण्हलेस्सं परिणमइ कण्हलेस्सं परिणमइत्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएस उववज्जंति, से तेणणं जाव - उववज्जंति ।
नू भंते! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता नीललेस्सेसु नेरइएस उववज्जंति ? हंता गोयमा ! जाव उववज्जंति, से केणटुणं जाव उववज्जंति ? गोयमा ! लेस्सहाणेसु संकलित्समाणे वा विसुज्झमाणेसु वा नीललेस्सं परिणनइ नीललेस्सं परिणमत्ता नीलस्से नेरइएस उववज्जंति । से तेणटुणं गोयमा ! जाव
उववज्र्ज्जति । काऊलेसेसु नेरइएस
से नूणं भंते! कण्हले से नीललेस्से जाव - भवित्ता
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