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लेश्या-कोश
१३६ ५८२३.४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने
योग्य जीवों में :गमक-१-६ : संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८.२३.२) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८.२२.४ 7 '५८८५)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १४ | पृ० ८५० '५८२४ सनत्कुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :"५८२४.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेन्द्रिय तियं च योनि से सनत्कुमार देवों
में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक–५-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से सनत्कुमार देवों में होने योग्य जो जीव हैं (पज्जत्तसंखेन्जवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सनकुमारदेवेसु उववज्जित्तए० ? अवसेसा परिमाणादीया भवाएसपज्जवसाणा सच्चेव वत्तव्वया भाणियव्वा जहा सोहम्मे उववज्जमाणस्स ।xxx जाहे य अप्पणा जहन्नकालट्टिईओ भवइ ताहे तिसु वि गमएसु पंच लेस्साओ आदिल्लाओ कायव्वाओ, सेसं तं चेव) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्याए', मध्यम के तीन गमकों में पाँच लेश्याए तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याएं होती हैं (५८२२२)।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १६ । पृ० ८५० ५८२४.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञो मनुष्य योनि से सनत्कुमार देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में :---- गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य योनि से सनत्कुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ मणुस्सेहिंतो उववजंति ? मणुस्साणं जहेव सकरप्पभाए उववज्जमाणाणं तहेव णव वि गमा भाणियव्वा) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८२२ )।
-भग० श २४ । उ २४ । प्र १७ । पृ० ८५० '५८२५ माहेन्द्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :'५८ २५.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से माहेन्द्र देवों
में उत्पन्न योग्य जीवों में :गमक–१६ : पर्याप संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से माहेन्द्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (माहिंदगदेवा णं भंते! xxx जहा सणंकुमारगदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाणं भाणियव्वा ) उनमें प्रथम के xxx
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