________________
१३२
लेश्या-कोश पंचिंदियतिरिक्खजोणिय उद्दसए। xxx सेसं तं चेव xxx ) उनमें नौ गमकों में ही एक पद्मलेश्या होती है ( ५८.१८२६)।
-भग० २४ । उ २१ । प्र६। पृ० ८४५ ५८ १९ २४ माहेन्द्रकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :-- गमक-१-६ : माहेन्द्रकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( देखो पाठ '५८ १६.२३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक पदमलेश्या होती है ( ५८.१८'२७ )।
-भग० श २४ । उ २१ । प्र६ । पृ० ८४५ ५८.१६.२५ ब्रह्मलोक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :गमक-१-६ : ब्रह्मलोक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८.१६ २३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक पदमलेश्या होती है ( "५८.१८२८)
-भग० श २४ । उ २१ । प्र६ । पृ० ८४५ '५८ १६.२६ लान्तक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :गमक–१-६ : लान्तक कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८.१६ '२३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक शुक्ललेश्या होती है ( '५८.१८२६)।
-भग० श २४ । उ१ । प्र६। पृ० ८४५ ५८.१६ २७ महाशुक्र कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :-- गमक-१-६ : महाशुक्र कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८ १६.२३) उनमें नौ गमकों में ही एक शुक्ल लेश्या होती है ( ५८१८'३० )।
---भग० श २४ । उ २१ । प्र६ । पृ० ८४५ ५८.१९२८ सहस्रार कल्पोपपन्न वैमानिक देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org