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लेश्या-कोश "५८१६ १४ संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि के जीवों से मनुष्य
योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :-- गमक-१-६ : संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ १६.१३) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छ लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमको में छ लेश्या होती हैं ( ५८.१८१७)।
----भग० श २४ । उ २१ । प्र६। पृ० ८४५
"५८१६.१५ असंज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :गमक-१-३ : असंज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८ १६.१३) उनमें पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि उद्देशक को तरह प्रथम के तीन ही गमक होते हैं तथा उन तीनों ही गमकों में तीन लेश्या होती हैं (५८.१८१८7 "५८.१०.११)।
-भग० श २४ । उ २१ । प्र६ । पृ० ८४५
५८.१६१६ संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखा पाठ '५८ १६.१३) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छ लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में छ लेश्या हौती है ( "५८ १८१६)
-भग० श २४ । उ २१ । प्र ६। पृ० ८४५ ५८.१६ १७ असुरकुमार देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : असुरकुमार देवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए xxx । एवं जच्चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणियउह सए वत्तव्यया सच्चेव एत्थ वि भाणियब्बा। xxx सेर्स तं चेव । एवं जाव-ईसाणदेवो'त्ति) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं (५८.१८०२०)।
-भग० श २४ । उ २१ । प्र६ । पृ० ८४५
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