________________
लेश्या-कोश
१२६ ५८.१६६ वनस्पतिकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :___ गमक-१-६ : वनस्पतिकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ (५८.१६८ ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं ( ५८.१८१२> ५८.१०.५)।
-भग० श २४ । उ २१ । प्र ४-६ । पृ० ८४५ '५८ १६.१० द्वीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : द्वीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८१६८) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ( ५८.१८.१३> ५८.१०.६)।
-भग० श २४ । उ २१ । प्र ४-६ । पृ० ८४५ ५८ १६.११ त्रीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : त्रीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ १६.८) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं (५८.१८१४>५८.१०.७)।
-भग श० २४ । उ २१ । प्र ४.६ पृ० ८४५ '५८१८.१२ चतुरिन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :---
गमक-१-६ : चतुरिन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है (देखो पाठ ५८ १६.८) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ( ५८.१८१५7 '५८१०८)।
-भग० श २४ । उ २१। प्र ४-६ । पृ० ८४५ .५८ १६.१३ असंज्ञो पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में :-- गमक-१-६ : असंज्ञी पंचेंद्रिय तिर्यंच योनि के जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (x x x असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिय-सन्निपंचिंदियतिरिक्ख जोणिय--असन्निमणुस्स-सन्निमणुस्सा य एए सव्वे वि जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणिय उद्दसए तहेव भाणियव्वा xxx ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं (५८.१८१६ )।
-भग० श २४ | उ २१ । प्र६। पृ०८४५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org