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लेश्या - कोश
११३
भाणियव्वो । णवरं लेस्साओ तिन्नि xxx - प्र ८ । ग० ४ । सो चेत्र जहन्नका लट्ठिएस उववन्नो सच्चेव चउत्थगमग वत्तव्वया भाणियव्वा - प्र । ग० ५ । सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएस उववन्नो, एस चैव वत्तव्वया - × × ×- प्र १० । ग. ६ । सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ, एवं तइयगमगसरिसो निरवसेसो भाणियन्वो xxx - प्र ११ । ग०७ । सो चेव जहन्नकालट्ठिईएस उववन्नो xxx एवं जहा सत्तमगमगो जाव - 'भवाएसो' x x x - प्र १२ । ग० ८ । सो चेव उक्कोसकालट्ठिएस उववन्नो x x x एस चेव सत्तमगमग वत्तव्वया भाणियव्वा जाव'भवाएसो'त्ति XXX - प्र० १३ । ग० ६ ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं । - भग० श २४ । उ १२ । प्र ३-१३ । पृ० ८२६-३१ '५८ १०२ अप्कायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-- १-६ : - अपकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( आक्काइए णं भंते! जे भविए पुढविक्काइएस उववज्जित्तए Xxx एवं पुढविकाइयगमग सरिसा नव गमगा भाणियव्वा x x x ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं । ( ५८ १०१ )
-भग० श २४ । उ १२ । प्र १५ । पृ० ८३१ ५८१०३ अग्निकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में : - गमक- १-१ :- अग्निकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ उक्काइएहिंतो उववज्र्ज्जति० तेउवकाइयाण वि एस चेव वत्तया । नवरं वसु विगमसु तिन्नि लेस्साओ x x x ) उनमें नव गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । प्र १६ | पृ० ८३१ '५८१०४ वायुकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक- १-६ : वायुकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ वाउक्काइएहितो० ? वाउकाइयाण वि एवं चेव णव गमगा जव काइयाणं x x x ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ( ५८१०३ ) । -भग० श २४ । उ १२ । प्र १७ । पृ० ८३१ '५८'१०'५ वनस्पतिकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों से उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक- १-६ : वनस्पतिकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने १५
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