________________
११६
लेश्या - कोश
५८ १०१३ असुरकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :--
गमक - १-६: असुरकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएस उववज्जित्तए - प्र ४३ । तेसि णं भंते! जीवाणं x x x लेस्साओ चत्तारि x x x एवं णव वि गमा णेयव्वा - प्र ४७ ) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ | उ १२ । प्र ४३,४७ । पृ० ८३५ ५८ १० १४ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक- १-६ : नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( नागकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएस० एस चेव वन्त्तव्वया जाव - 'भवाएसो 'त्ति ! x x x एवं णव वि गमगा असुरकुमारगमगसरिसा ××× एवं जाव - थणियकुमाराणं ) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं । - भग० श २४ । उ १२ । प्र० ४८ | पृ० ८३६ '५८'१०'१५ वानव्यंतर देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक- १-६ : वानव्यंतर देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( वाणमंतर देवे णं भंते! जे भविए पुढविकाइएस० एएसि वि असुरकुमारगमगसरिसा णव गमगा भाणियव्वा x x x सेसं तहेव ) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं ।
- भग० श २४ । उ १२ । प्र ५० | पृ० ८३६ *५८१०१६ ज्योतिषी देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक- १-६ : ज्योतिषी देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं। ( जोइसियदेवे णं भंते! जे भविए पुढविक्काइएस लद्धी जहा असुरकुमाराणं । नवरं एगा तेलेस्सा पन्नत्ता । xxx एवं सेसा अट्ठ गमगा भाणियव्वा ) उनमें नौ गमकों में ही एक तेजोलेश्या होती है ।
-भग० श २४ । उ १२ । प्र ५२ | पृ० ८३६
'५८१०१७ सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :--
गमक- १.६ : सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( सोहम्मदेवे णं भंते! जे भविए पुढविक्काइएस उववज्जित्तए
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org