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लेश्या-कोश (ङ) पंचम गुणस्थान के जीवों में-छः लेश्या होती है। (च) षष्ठ गुणस्थान के जीवों में-छः लेश्या होती है। (छ) सप्तम गुणस्थान के जीवों में-अन्तिम तीन लेश्या होती है। (ज) अष्टम गुणस्थान के जीवों में-एक शुक्ल लेश्या होती है। (झ) नवम गुणस्थान के जीवों में-एक शुक्ल लेश्या होती है । (ञ) दशम गुणस्थान के जीवों में
(नियंठे णं भंते ! पुच्छा । गोयमा! सलेस्से होजा नो अलेस्से होज्जा, जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! एगाए सुक्कलेस्साए होज्जा । ) सुहुमसंपराए जहा नियंठे।
~भग० श२५) उ ७ । प्र ५१ । पृ० ८६० दशवे ( सूक्ष्मसंपराय ) गुणस्थान जीव में एक शुक्ललेश्या होती है। ट-ग्यारहवें गुणस्थान के जीवों में :
नियंठे णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! सलेस्से होजा, णो अलेस्से होजा, जइ सस्से होज्जा से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा! एगाए सुक्कलेस्साए होज्जा!
-भग० श २५ । उ ६ । प्र६१ । पृ० ८८२ ग्यारहवें गुणस्थान के जीव में एक शुक्ललेश्या होती है । ठ-बारहवें गुणस्थान के जीवों में :एक शुक्ललेश्या होती है। ड-तेरहवें गुणस्थान के जीवों में :
सिणाए पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से वा होज्जा, अलेस्से वा होज्जा, जइ सलेस्से होज्जा ? से णं भंते ! कइसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! एगाए परमसुक्कलेस्साए होज्जा।
-भग० श २५ । उ ६ । प्र६२ | पृ० ८८२ तेरहवें गुणस्थान में एक परम शुक्ललेश्या होती है।
ढ-चौदहवें गुणस्थान के जीवों में ( देखो पाठ ऊपर ) अलेशी होते हैं। २८ संयतियों में :___ क-पुलाक में :
पुलाए णं भंते ! किं सलेस्से होज्जा, अलेस्से होज्जा ? गोयमा ! सलेस्से होज्जा, णो अलेस्से होज्जा, जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते! कइसु लेस्सासु होज्जा? गोयमा! तिसु विसुद्धलेस्सासु होज्जा, तंजहा, तेऊलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्कलेस्साए।
-भग० श २५ । उ ६ । प्र८६ । पृ० ८८२ १२
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