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लेश्या-कोश जोणिए णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइएसु उववज्जित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० एवं जहेव रयणप्पभाए णव गमगा लद्धी वि सच्चेव xxx सेसं तं चेव, जाव-'अनुबंधो'त्ति । xxx/प्र ७६,७७ । ग० १। सो चेव जहन्नकालटिईएसु उववन्नो० सच्चेव वत्तव्वया जाव-भवाएसो' त्ति xxx प्र ७८ । ग० २। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववन्नो० सच्चेव लद्धी जाव --'अणुबंधो'त्ति xxx-प्र० ७६ । ग० ३। सो चेव अप्पणा जहन्न कालट्टिईओ जाओ० सच्चेव रयणप्पभपुढविजहन्नकालटिईयवत्तव्वया भाणियव्या, जाव 'भवाएसो'त्ति xxxप्र ८० । ग० ४। सो चेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नो० एवं सो चेव चउत्थो गमओ निरवसेसो भाणियम्वो, जाव—'कालाएसो'त्ति-प्र ८१। ग०५। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उव्वन्नो० सच्चेव लद्धी जाव - 'अणुबंधोत्ति xxx-प्र ८२ । ग० ६ । सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जहन्नेणं xxx ते णं भंते !० अवसेसा सच्चेव सत्तमपुढविपढमगमवत्तव्वया भाणियव्वा, जाव-भवाएसो'त्ति xxx सेसं तं चेव-प्र८४ । ग०७। सो चेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नो० सच्चेव लद्धी xxx सत्तमगमगसरिसो-प्र ८५। ग०८। सो चेव उक्कोसकालटिएसु उववन्नो० एस चेव लद्धी जाव-'अणुबंधो'त्ति-प्र ८६। ग०६) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छ लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में आदि की तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में छ लेश्या होती हैं ( ५८.१२)।।
-भग० श २४ । उ १ । प्र.७६.८६ । पृ० ८२१-२२ •५८.७.२ पर्याप्त संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से तमतमाप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक-१-६ : पर्याप्त संख्यात् वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से तमतमाप्रभापृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमाए पुढवि (वीए) नेरइएसु उववज्जित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० xxx अवसेसो सो चेव सक्करप्पभापुढ विगमओ यव्वो xxx सेसं तं चेव जाव-'अणुबंधो'त्ति xxx। ग० १ । सो चेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नोएस चेव वत्तव्वया xxx| ग०२। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववन्नो-एस चेव वत्तव्वया xxx। ग०३। सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठिईओ जाओ, तस्स वि तिसु वि गमएसु एस चेव वत्तव्वया xxx। ग०४-६। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्टिईओ जाओ, तस्स वि तिसु वि गमएसु एस चेव वत्तव्वया xxx | ग० ७-६) उनमें नौ गमकों ही में छ लेश्या होती हैं ( ५८.२२)।
-भग० श २४ | उ १। प्र १०५-११०। पृ० ८२४-२५
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