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लेश्या-कोश ___ इसी प्रकार धातकीखण्ड के पूर्वार्द्ध तथा पश्चिमाई के हेमवय, हैरण्यवय, हरिवास, रम्यकवास, देवकुरु, उत्तरकुरु अकर्मभूमिज मनुष्य तथा मनुष्यणी में चार लेश्या होती है।
इसी प्रकार पुष्करवर द्वीप के पूर्वार्द्ध तथा पश्चिमार्ध के हेमवय, हैरण्यवय, हरिवास, रम्यकवास, देवकुरु, अकर्मभूमिज मनुष्य तथा मनुष्यणी में चार लेश्या होती है। २०.८ अन्तद्वीपज मनुष्य और मनुष्यणी में :एवं अंतरदीवगमणुस्साणं, मणुस्सीण वि ।
-पण्ण० प १७ । उ६। प्र१। पृ० ४५१ इसी प्रकार अंतीपज मनुष्य तथा मनुष्यणी में चार लेश्या होती है। '२१ देव में :(क) देवाणं पुच्छा। गोयमा ! छ एयाओ चेव ।
-पण्ण० प १७ । उ २। सू १३ । पृ० ४५८ (ख) पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं छल्लेस्साओ पन्नत्ताओ, तंजहा-कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा। एवं मणुस्सदेवाणवि ।
-ठाण० स्था ६ । सू० ५०४ । पृ० २७२ (ग) ( देवा ) छल्लेस्साओ।
-जीवा० प्र १ । सू ४२ पृ० ११७ देव में छः लेश्या होती है। २१.१ देवी मेंदेवीणं पुच्छा। गोयमा ! चत्तारि-कण्हलेस्सा जाव तेऊलेस्सा।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ देवी में चार लेश्या होती है। '२२ भवनपति देव में(क) भवणवासीणं भंते ! देवाणं पुच्छा। गोयमा ! एवं चेव
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ (ख) असुरकुमाराणं चत्तारि लेस्सा पन्नत्ता, तंजहा-कण्हलेस्सा-नीललेस्साकाऊलेस्सा-तेऊलेस्सा, एवं जाव थणियकुमाराणं ।
-ठाण० स्था ४ । उ ३ । सू ३६५। पृ० २४० (ग) भवणवइवाणमंतरपुढविआउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारि लेस्साओ।
-ठाणा० स्था १ । सू ५१ । पृ० १८४ असुरकुमार यावत् स्तनितकुमार - दसों भवनपति देवों में चार लेश्या होती है।
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