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लेश्या-कोश सिद्धसई दिकाए, जोगे वेए कसाय लेसा य। णाणुवओगाहारे, भासग चरिमे य ससरीरी॥
-ठाण० स्था २। उ ४ । सू १०१ | पृ० २०० सर्वजीवों के दो भेद-सलेशी जीव, अलेशी जीव । ५१.२ जीवों के सात भेद
(क) अहवा सत्तविहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा-कण्हलेस्सा, नीललेस्सा, काऊलेस्सा, तेऊलेस्सा, पम्हलेस्सा, सुक्कलेस्सा, अलेस्सा xxx सेत्तं सत्तविहा सव्वजीवा पन्नत्ता।
-जीवा० प्रति ६ । सर्व जी। सू २६६ । पृ० २५८ (ख) सत्तविहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा–कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा अलेस्सा।
-ठाण० स्था० ७ । सू ५६२ । पृ० २८१ सर्व जीवों के सात भेद हैं --कृष्णलेशी, नीललेशी, कापोतलेशी, तेजोलेशी, पद्मलेशी, शुक्ललेशी, अलेशी जीव।
'५२ लेश्या की अपेक्षा जीव की वर्गणा
(१) एगा कण्हलेस्साणं वग्गणा, एगा नीललेस्साणं वग्गणा, एवं जाव सुक्कलेस्साणं वग्गणा।
कृष्णलेशी जीवों की एक वर्गणा है इसी प्रकार नील, कापोत, तेजो, पद्म तथा शुक्ललेश्या जीवों की वर्गणाए हैं।
(२) एगा कण्हलेस्साणं नेरइयाणं वग्गणा, जाव काऊलेस्साणं नेरल्याणं वग्गणा, एवं जस्स जाइ लेस्साओ, भवणवश्वाणमंतरपुढविआउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारि लेस्साओ तेऊवाउदियतेइ दियचउरिंदियाणं तिन्निलेस्साओ पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणस्साणं छल्लेस्साओ, जोइसियाणं एगा तेऊलेस्सा, वेमाणियाणं तिन्निउवरिमलेस्साओ।
कृष्णलेशी नारकियों की एक वर्गणा होती है इसी प्रकार दण्डक में जिसके जितनी लेश्या होती है उतनी वर्गणा जानना।
(३) एगा कण्हलेस्साणं भवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेस्साणं अभवसिद्धियाणं वग्गणा, एवं छसु वि लेसासु दो दो पयाणि भाणियव्वाणि, एगा
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