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११३१ सूक्ष्म तेउकाय में
( सुहुम ते काइया) जहा सुहुम पुढविकाइयाणं ।
सूक्ष्म ते काय में तीन लेश्या होती है । *१३*२ बादर तेउकाय में
( बायर ते काश्या ) तिन्नि लेस्सा |
लेश्या - कोश
बादर ते काय में तीन लेश्या होती है । * १४ वायुकाय में :
देखो ऊपर तेउकाय के पाठ ( १३ ) तीन लेश्या होती है ।
* १४१ सूक्ष्म वायुकाय में
( सुहुम वाउकाइया ) - जहा तेउकाइया ।
सूक्ष्म वायुकाय में तीन लेश्या होती है।
बादर वायुकाय में तीन लेश्या होती है।
* १५ वनस्पतिकाय में
*१४*२ बादर वायुकाय में
( बायर वाउकाइया) सेसं तं चेव ( सुहुम वाउकाइया ) 1
जीवा० प्रति १ । सू २४ । पृ० ११०
- जीवा प्रति १ । सू २५ । पृ० १११
- जीवा० प्रति १ । सू २६ | पृ० १११
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- जीवा० प्रति १ | सू २६ | पृ० १११
(क) आउवणस्सइकाइयाणवि एवं चेव ( जहा पुढविकाइयाणं ) ।
- पण्ण० प १७ | उ २ । सू १३ | पृ० ४३८
(ख) असुरकुमाराणं चत्तारि लेस्सा पन्नत्ता, तंजहा - कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्सा तेऊलेस्सा XX एवं X X आउवणस्सइकाइयाणं ।
वनस्पतिकाय में तीन संक्लिष्ट लेश्या होती है ।
- ठाण० स्था० ४ | उ ३ । सू ३६५ | पृ० २४०
(ग) भवणवश्वाणमंतर पुढविआउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारि लेस्साओ । - ठाण० स्था २ । उ १ । सू ७२ | पृ० १८४
वनस्पतिकाय के जीवों में चार लेश्या होती है । (घ) असुरकुमाराणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ, तंजहा - कण्हलेस्सा नीललेस्सा काऊलेस्सा x x एवं पुढविकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वि ।
- ठाण० स्था ३ । उ १ । सू १८१ । पृ० २०५
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