________________ का और कोई साधन नहीं था / अब से लगभग दो हजार वर्ष पहले तक स्मरण रखने की ही परम्परा थी / परन्तु जब से लिखने का रिवाज चला तब से मनुष्य ने अपनी स्मरण-शक्ति से काम लेना छोड़ दिया / उसे जो भी बात याद रखनी होती थी, वह पहले पत्थरों पर, फिर ताड़पत्रों पर, फिर कपड़ों पर और अन्त में कागज पर लिखकर रखने लगा / ऐसा करने से उसकी स्मरण-शक्ति क्षीण होती गयी / इसी प्रकार तब तक छपाई की मशीनें नहीं बनी थीं मनुष्य बहुत सुन्दर अक्षर लिखते थे / परंतु जब से पुस्तकें छपने लगीं, सुन्दर लेखन की कला समाप्त-सी हो गयी। पशु-पक्षी प्रकृति के बहुत अधिक निकट हैं इसलिए इनकी इन्द्रियाँ मनुष्य की इन्द्रियों से अधिक तीक्ष्ण और संवेदनशील होती हैं / इस संबन्ध में हम कुछ उदाहरण देते हैं / 1) जो पशु-पक्षी जंगलों में रहते हैं वे शायद ही कभी बीमार पड़ते हों। 2) रेगिस्तान में जब आँधी आने वाली होती है तो ऊँट चलते-चलते रुक जाते हैं, उस समय वे बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ते / उनकी ऐसी दशा को देखकर काफ़ले वाले मुसाफिर आंधी आने का अनुमान लगा लेते हैं और अपनी सुरक्षा का प्रबन्ध कर लेते हैं / ___3) जब गरमी के मौसम में गरमी कम पड़नी होती है तो पक्षी वृक्ष के उस भाग में घोंसले बनाते हैं, जिधर धूप अधिक पड़ती हो / 4) बरसात आने से पहले ही चींटियां अपने अण्डों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती हैं | चींटियों को इस प्रकार अपने अण्डों को ले जाते हुए देखकर अनेक व्यक्ति यह अनुमान लगा लेते हैं कि निकट भविष्य में ही वर्षा होने वाली 5) आँधी आने से पहले ही भेड़ें किसी टीले की ओट में हो जाती हैं / पक्षी पृथ्वी के अधिक निकट उड़ने लगते हैं / बत्तखें व जल-मुर्गियाँ उड़ना ही बन्द कर देती हैं। 6) कुछ ऐसी घटनाएँ भी प्रकाश में आयी हैं कि पशुओं को किसी स्थान पर बमबारी होने से पहले ही वहाँ होने वाली बरबादी का अनुमान हो कर्मग्रंथ (भाग-1) 18