Book Title: Karmgranth Part 01
Author(s): Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 202
________________ 3) उपघात : ज्ञान और ज्ञान के साधनों को नष्ट करना / ज्ञानी को मार डालना, पुस्तक आदि जला देना आदि / 4) प्रद्वेष : ज्ञान, ज्ञानी और ज्ञान के साधनों के प्रति मन में तीव्र द्वेष भाव धारण करना / 5) अंतराय : ज्ञान का अभ्यास करनेवाले को पढ़ने में अंतराय पैदा करना / कोई पढ़ रहा हो तब जोर से चिल्लाना, पढ़नेवाले को दूसरे काम में जोड़ना इत्यादि / ___6) अत्यंत आशातना : ज्ञानी की निंदा करना, उन्हें अपमानित करना, उन्हें प्राणांत कष्ट देना, इत्यादि | ज्ञान की अन्य आशातनाएँ 1) पुस्तक पर बैठना / 2) पुस्तक को फेंकना / 3) अंगुली पर थूक लगाकर पन्ने पलटना | 4) अखबार से मल मूत्र साफ करना / 5) कागज को जलाना, इत्यादि / भाव माता-पिता के प्रति दिल में आदर-सम्मान व बहुमान भाव होगा तो बेटा कहेगा''मैं माता-पिता के साथ में रहता हूँ / '' और माता-पिता के प्रति आदर-बहमान का अभाव होगा तो बेटा कहेगा'वयोवृद्ध माता-पिता मेरे साथ रहते है / ' माता-पिता को भारभूत मानने वाला इस पृथ्वी पर भारभूत ही है / कर्मग्रंथ (भाग-1)) 2194

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