________________ 100/ 125/ जैन धर्म के प्राथमिक अभ्यास हेतु मरुधर रत्न, हिन्दी साहित्यकार पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वरजी म.सा. द्वारा हिन्दी भाषा में आलेखित निम्न साहित्य का क्रमशः अभ्यास अवश्य करें मूल्य 1. पंच प्रतिक्रमण (हिन्दी विवेचन भाग-1) 100/2. पंच प्रतिक्रमण (हिन्दी विवेचन भाग-2) 3. पंच प्रतिक्रमण (हिन्दी विवेचन भाग-3) 4. पंच प्रतिक्रमण (हिन्दी विवेचन भाग-4) 140/5. जीव विचार-हिन्दी विवेचन 6. नव तत्त्व-हिन्दी विवेचन . 60/7. दंडक सूत्र-हिन्दी विवेचन 50/8. लघु संग्रहनी (जैन भूगोल) हिन्दी विवेचन 100/9. तीन भाष्य (हिन्दी विवेचन). 150/10. कर्मग्रंथ भाग-1 (कर्म विज्ञान-पहला कर्मग्रंथ) 100/11. कर्मग्रंथ भाग-2 (दूसरा तीसरा कर्मग्रंथ) 70/12. कर्मग्रंथ भाग-3 (चौथा कर्मग्रंथ) 55/13. पांचवा कर्मग्रंथ 14. छठा कर्मग्रंथ 100/ 75/ 100/ 100/ 70/ संस्कृत और प्राकृत भाषा सीखने के लिए अति उपयोगी प्रकाशन 1. आओ ! संस्कृत सीखें भाग-1 2. आओ ! संस्कृत सीखें भाग-2 3. आओ ! प्राकृत सीखें भाग-1 4. आओ ! प्राकृत सीखें भाग-2 कर्मग्रंथ (भाग-1) 1212