________________ उदाहरण एक बार किसी साधु महाराज को दिन में किसी हाथी ने हैरान किया / रात्रि में सोने के बाद उन महात्मा को थीणद्धि निद्रा का उदय हुआ / रात्रि में वे महात्मा नींद में ही उपाश्रय से बाहर निकल गए / नगर बाहर उस हाथी के पास गए और उस हाथी को मारकर उसके दाँत उखाड़कर ले आए और वे दाँत उपाश्रय के बाहर फेंक दिए / वापस उपाश्रय में आकर अपने संथारे में सो गए। प्रातःकाल होने पर वे गुरु महाराज को कहने लगे, "आज मैंने एक स्वप्न देखा और उस स्वप्न में मैंने हाथी को मार डाला, अतः मुझे प्रायश्चित्त दो / '' गुरु महाराज ने उसे प्रायश्चित्त दिया / थोड़ी देर बाद जब उनके कपड़ों पर खून के दाग देखे और बाहर पडे दंतशूल देखे तो गुरु महाराज को ख्याल आ गया कि इस महात्मा को थीणद्धि निद्रा का उदय है और इन्होंने ही हाथी को मार डाला है / थीणद्धि निद्रा के उदय का पता चलते ही गुरु महाराज ने उस साधु महाराज के पास से साधुवेष ले लिया और उसे रवाना कर दिया / * थीणद्धि निद्रा के उदयवाले को वासुदेव से आधा बल प्राप्त हो जाता है, वह हाथी जैसे बड़े प्राणी को भी मार डालता है | मनुष्य को पुण्य के उदय से जो कुछ सुख के साधन मिले हैं, वे उसे कम ही लगते हैं, और पाप के उदय से जो कुछ दुःख आता है, वह मान्यता से अधिक ही लगता है / MARA Tier-y / पुण्य के उदय में उसे संतोष नहीं है और पाप के उदय में वह सहनशीलता से कोसों दूर है। कर्मग्रंथ (भाग-1)