________________ झलक देख रही हैं / उन्होंने अनेक बार खोये हुए व्यक्तियों का अता-पता बतलाकर पुलिस की सहायता भी की / उनके बतलाये हए पते शत-प्रतिशत तो नहीं परन्तु अधिकांश में ठीक निकलते हैं / नवम्बर 1975 में एक व्यक्ति की अठारह वर्षीय पुत्री गायब हो गयी थी / वह व्यक्ति सहायता के लिए उनके पास आया / उन्होंने थोड़ी देर एकाग्रचित्त होने के बाद कहा, 'आपकी कन्या सुरक्षित है / वह एक गंदे मकान में है | उस मकान का दरवाजा लाल रंग का है / उस मकान का नम्बर 106, 186 या 168 है / जिस व्यक्ति के साथ लड़की गयी है उसके नाम में दो आर (R) हैं उस व्यक्ति का नाम हैरी भी हो सकता है / लड़की का पता 21 जनवरी 1976 से पहले ही चल जायेगा | परन्तु आप उससे 21 जनवरी 1976 को ही मिल सकोगे / लड़की इस समय गर्भवती है / समय आने पर सब बातें ठीक निकलीं / ऐसी सहायता के बदले में वे महिला किसी से कुछ भी स्वीकार नहीं करतीं / (6) अमरीका में श्री टैड नामक एक अद्भुत व्यक्ति थे / सन् 1955 तक वे एक साधारण व्यक्ति के समान ही एक होटल में कार्य करते थे / एक दिन उनको इस प्रकार की अनुभूति हुई कि जब वे अकेले में बैठ कर किसी वस्तु के सम्बन्ध में सोचते हैं, तब उस वस्तु का हू-ब-हू मानचित्र उनकी आँखों के सामने आ जाता है / कई बार उनको ऐसी अनुभूति हुई कि वे दरवाजे व खिड़कियों से होते हुए किसी दूर के प्रदेश में जाते हैं और फिर अपने द्वारा सोचे गये किसी विशेष स्थान को देखकर वे कुछ ही क्षणों में वापिस आ जाते हैं / इस प्रकार वे अपने होटल में बैठे-बैठे ही दूर-दूर के प्रदेशों की यात्रा का आनन्द ले लेते हैं / वैज्ञानिकों ने उनकी इस अद्भुत शक्ति पर अनेक प्रयोग किये और उनकी इस क्षमता को सदैव ही ठीक पाया / उनको सम्मोहन विद्या सीखने का शौक था और एक बार वे इस विद्या का अभ्यास करने के लिए एक सप्ताह तक एक कमरे में बन्द रहे / परन्तु उनके मित्रों ने उस सप्ताह के दौरान भी उन्हें बाहर घूमते हुए देखा / कई बार वैज्ञानिकों ने उनको कमरे में बन्द करके सम्मोहित किया और सम्मोहन की अवस्था में उनसे किसी विशेष स्थान का वर्णन करने के लिए कहा / वे कुछ समय पश्चात् ही उस स्थान का बिल्कुल ठीक-ठीक विस्तारपूर्वक वर्णन कर देते थे / इसके साथ-साथ उनके मस्तिष्क के चारों ओर पोलर्ड के शक्तिशाली AGAR कर्मग्रंथ (भाग-1)) 126