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६. प्रयोग की विषमता । जैसे-पुत्र के शरीर में कीड़े आदि जीव उत्पन्न होवे ( पृ० ३१९ ), यहां "होवें" के स्थान में "हो" । इत्यादि ।
ओरियण्टल कालेज लाहौर
फाल्गुन शुक्ला० ११, सं० १९९२
बनारसीदास जैन
नोट- पूर्वोक्त विशेषताएं भाषा के दोष नहीं कहे जा सकते । इन
निश्चित रूप धारण नहीं
से यह सिद्ध होता है कि अभी हिन्दी ने किया था । इस प्रकार की विशेषताएं उस भी पाई जाती है ।
समय के अन्य लेखकों में