Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[झ] अनर्थदण्ड-विरमण के अतिचार [] सामायिक-व्रत के अतिचार [ट] देशावकाशिक-व्रत के अतिचार [ठ] पोषधोपवास-व्रत के अतिचार [ड] यथासंविभाग-व्रत के अतिचार [ढ] मरणान्तिक संलेखना के अतिचार । आनन्द द्वारा अभिग्रह आनन्द का भविष्य आनन्द : अवधिज्ञान
१४.
दूसरा अध्याय
सार : सक्षेप श्रमणोपासक कामदेव देव द्वारा पिशाच के रूप में उपसर्ग हाथी के रूप में उपसर्ग सर्प के रूप में उपसर्ग देव का पराभव : हिंसा पर अहिंसा की विजय भगवान् महावीर का पदार्पण : कामदेव द्वारा वन्दन-नमन भगवान् द्वारा कामदेव की वर्धापना कामदेव : स्वर्गारोहण
१००
१०२
१०७
१०८ ११०
तीसरा अध्ययन
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सार : संक्षेप २. श्रमणोपासक चुलनीपिता
- उपसर्गकारी देव : प्रादुर्भाव __ पुत्र वध की धमकी
चुलनीपिता की निर्भीकता
बड़े पुत्र की हत्या ७. मंझले व छोटे पुत्र की हत्या
मातृवध की धमकी
चुलनीपिता का क्षोभ : कोलाहल . माता का आगमन : जिज्ञासा
११२ ११५ ११६ ११६ ११७ ११७ ११७ ११८ १२०
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