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[उपासकदशांगसूत्र
कल्प में अरूणकान्त विमान में उत्पन्न हुआ। उसकी आयु-स्थिति चार पल्योपम की बतलाई गई है। महाविदेह-क्षेत्र में वह सिद्ध होगा-मोक्ष प्राप्त करेगा।
॥ निक्षेप॥ ॥ सातवें अंग उपासकदशा का चतुर्थ अध्ययन समाप्त ॥
१. निगमन--आर्य सुधर्मा बोले--जम्बू! श्रमण भगवान् महावीर ने उपासकदशा के चौथे अध्ययन का यही अर्थ--
भाव कहा था, जो मैने तुम्हें बतलाया है।