Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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संगह-गाहाओ वाणियगामे चंपा दुवे य बाणारसीए नयरीए। आलभिया य पुरवरी कंपिल्लपुरं च बोद्धव्वं ॥ १ ॥ पोलासं रायगिहं सावत्थीए पुरीए दोन्नि भवे । एए उवासगाणं नयरा खलु होन्ति बोद्धव्वा ॥ २ ॥ सिवनंद-भद्द-सामा धन्न-बहुल-पूस-अग्गिमित्ता य। रेवइ-अस्सिणि तह फग्गणी य भज्जाण नामाई ॥ ३ ॥
ओहिण्णाण-पिसाए माया वाहि-धण-उत्तरिज्जे य। भज्जा य सुव्वया दुव्वया निरूवसग्गया दोन्नि ॥ ४ ॥ अरूणे अरूणाभे खलु अरूणप्पह-अरूणकंत-सिटे य। अरूणज्झए य छठे भूय वडिं से गवे कीले ॥ ५ ॥ चाली सट्ठी असीई सट्ठि सट्ठी य सट्ठि दस सहस्सा। असिई चत्ता चत्ता एए वइयाण य सहस्साणं ।। ६ ॥ बारस अट्ठारस चउवीसं तिविहं अट्ठरसइ नेयं । धन्नण ति-चोव्वीसं बारस बारस य कोडीओ ॥ ७ ॥ उल्लण-दंतवण-फले अभिगणुव्वट्टणे सिणाणे य।। वत्थ-विलेवण-पुत्फे आभरणं धूव-पेज्जाई ॥ ८ ॥ भक्खोयण-सूय-घए सागे माहुर-जेमणऽन्नपाणे य। तं बोले इगवीसं आणंदाईण अभिग्गहा ॥ ९ ॥ उड्ढं सोहम्मपुरे लोलूए अहे उत्तरे हिमवंते । पंचसए तह तिदिसिं ओहिण्णाणं दसगणस्स ॥ १० ॥ दंसण-वय-सामाइय-पोसह-पडिमा-अबंभ-सच्चित्ते। आरं भ-पेस-उद्दिट् ठ-वज्जए समणभूए य॥ ११॥ इक्कारस पडिमाओ वीसं परियाओ अणसणं मासे। सोहम्मे चउपलिया महाविदेहम्मि सिज्झिहिइ ॥ १२ ॥
उवासगदसाओ समत्ताओ
१. ये गाथाएं प्रस्तुत ग्रन्थ के मुल पाठ का भाग नहीं हैं। ये पूर्वाचार्यकृत गाथाएं हैं, जिनमें ग्रन्थ का संक्षिप्त परिचय
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