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०००: अनुक्रमणिका :...
कम.सं. विषय १. नमो नमः श्रीप्रभुधर्म सूरये २. देव नमस्कार ३, गुरू नमस्कार ४. संत समागम ५, संत महिमा ६. संत दुर्लभता ७. दादा गुरु की स्तुति ८. गुरु स्तुति ६. सम्यग ज्ञान की प्रशंसा १०. विद्याधन की महता ११. विद्या का प्रभाव १२. धर्म १३ चातुर्मासिक धर्म १४. धर्म हीन की निन्दा .... १५. धार्मिकता का सार १६. क्षमा धर्म की समर्थता .... १७. क्षमा धर्म की उपादेयता .... १८. धर्म की उत्पत्ति वृद्धि स्थिति और नाश .... Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
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