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शंष विद्या प्रकाश ::
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फला है, फूला है और सब गच्छों में ज्यादा ताकतवर है । ऐसा पौष्टिक तथा सात्विक मक्काई का भोजन मारवाड़मेवाड़ में सुलभ है।
अब आप ही सोचिये कि ऐसी मारवाड़ भूमि हजारों बार प्रशसनीय क्योंकर नहीं है ? संस्कृत कवि ने भी कहा है कि---
जीवनस्वास्थ्यप्रदा भूमि: मरुधरस्य कथिता बुधैः ।।
अर्थात जीवन में श्रेष्ठ स्वास्थ्य देने वाला मरुधर देश है। 'जय हो मरुधर भूमि की' ।।८१।।
'पुत्र और मित्र समान है' लालयेत् पञ्चवर्षाणि, दशवर्षाणि ताडयत् । प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदा चरेत् ॥८२।।
अर्थात-पुत्र जब पांच वर्ष की उम्र तक होवे तब तक उसका लालन और पोषण बड़ो संभाल पूर्वक करना चाहिए। उसके आगे दस वर्ष की उम्र तक ताडन तर्जन करना चाहिए। अर्थात् बुरे रस्ते जाते समय रोकने के लिए प्रयत्न करना चाहिए, परन्तु उसके बाद पुत्र के प्रति मित्र जैसा भाव रखकर उसको हित कार्य में जोड़ देना यह उत्तम मार्ग है ।।२।।
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