Book Title: Shesh Vidya Prakash
Author(s): Purnanandvijay
Publisher: Marudhar Balika Vidyapith

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Page 150
________________ १२० :: :: शेष विद्या प्रकाश आनन्द पत्रिका बिलासपुर नगरी भलीरे मरुधर मां मनोहार चालो भवी देखवारे प्रतिष्ठा महोत्सव थाय छेरे धर्मनाथ दरबार, चालो भवी देखबारे अन्जन शलाका श्रेष्ठ माँ रे कहेतां न आवे पार चालो भवी जैन श्वेताम्बर नी वली रे कॉनफरन्स हितकार चालो भवी... साल बाणु नी जाणजोरे वैशाख की मनोहार चालो भवी.... उज्जवल दशमी नो दिने रे सोमवार सुखकार चालो ... मूरि सम्राट तिहां कने रे देखो ते देव समान चालो भवी वाणी सूरिजी की सांभलो रे हर्ष थकी बहुमान चालो विविध प्रकारनी पूजनारे नित नित भारी होय चालो महाकीर मंडल प्रावीयु रे बामण वाउ मनाद चालो डुगरनी रचना थणी रे कहेतां न आवे पार चालो अष्टादश तुमे देखनो रे शत्रुजय गिरनार चालो सम्मेत शिखरजी ने वंदजोरे पाबुजी छे मनोहार चालो आठ दिवस वली जाणजो रे स्वामी वच्छल होय चालो वर प्रथम तुमे जाणजोरे गोदाजी ना रायचंद चालो वर दूजी जेठमल्ल नी रे त्रीजी छे रायचंद चालो वर चोथी अमीचंद नी रे पांचमे किस्तुर चंद चालो वर छटी अमीचंद नी रे सातमे छे देवीचंद चालो पाठमी वर केशरीमल्ल नी रे नवमे लछी प्रेमचन्द चालो वार रवी मुम्बापुरी रे सत्तावत गुण गाय चालो Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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