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शेष विद्या प्रकाश ::
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बात को बतलाते हुए कवि ने कहा है कि.-'अन्यायोपाजित धन से इस प्रकार नुकसान ही नुकसान है।' १. सब दोषों में महाभयंकर 'अन्नदोष' आपके यहां बना रहेगा। २. जीवन हमेशा नीचे की तरफ जाता रहेगा। ३. सदाचारी पुत्रों की प्राप्ति आकाश के पुष्पों के माफिक
अशक्य रहेगी। ४. गुप्त प्रकार से पुत्रों में और पुत्रियों में दुराचार प्रवेश कर
जायगा। ५. अपनी स्त्री में भी सती धर्म का ह्रास रहेगा। ६. घर की शोभा श्मशान सदृश रहेगी ।।११६-११७:।
'संत समागम के फायदे'
सत्पथः प्राप्यते येन सदृष्टिः शुभभावना। समागमः सदा भूयात् सतां विवेक शालिनाम् ।। ११८ ।।
अर्थ-ऐसे विवेकपूर्ण संत महात्माओं का समागस मुझे मिलता रहे जिससे दुर्लभतम तीन वस्तुओं की प्राप्ति सुलभ हो जाती है। १. आचार-विचार और उच्चार की प्राप्ति होकर सत्पथः सन्मार्ग
की प्राप्ति होती है।
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